कोरबा,4 मई ( वेदांत समाचार)। सुराकछार खदान हुई दुर्घटना के लिए प्रबंधन व खान सुरक्षा विभाग ने घटना दिनांक को अवकाश पर रहने वाले ओवहरमैन को दोषी ठहराया है। प्रबंधन के इस रवैय्ये पर एटक ने आपत्ति जताई है। संगठन ने कहा है कि प्रबंधन अपने गलती छिपाने के लिए बेकसूर कर्मी को फंसा रही है।
सुराकछार प्रबंधन एवं खान सुरक्षा विभाग पर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए एटक के क्षेत्रीय सचिव दीपेश मिश्रा ने कहा कि सुराकछार तीन- चार नंबर खदान में 27 नवंबर 2021 की रात्रि पाली के 3ः30 बजे प्रबंधन के लापरवाही व सिस्टम फेलोवर की वजह से खदान में प्राणघातक दुर्घटना घटी और इसमें राम चरण, डीलर की मौके पर मौत हो गई। उन्होने बताया कि सक्षम विभाग द्वारा जांच कार्यवाही की गई, उसमें उच्च अधिकारियों को साफ बचा लिया गया है और बेकसूर कामगार को बेवजह आरोपी बना दिया गया।
मिश्रा ने कहा कि सिस्टम फेलोवर के चलते खदानों में जो दुर्घटना होती है उसके लिए सीधे सिर्फ तीन ही अधिकारी जिम्मेदार होते हैं। पहला एजेंट, दूसरा खान प्रबंधक और तीसरा खान सुरक्षा अधिकारी। बड़े ही हैरानी की बात है कि जांच कार्रवाई में इतीनों अधिकारियों को पूरी तरह छोड़ दिया गया और दीगर तीन लोगों को साजिश कर फंसा दिया गया। इसमें सबसे गंभीर बात यह है कि एक वरिष्ठ ओवहरमेन विरेंद्र कुमार पटेल दुर्घटना के समय 26 नवंबर 2021 से दो जनवरी 2022 तक स्वीकृत छुट्टी में थे, उन्हें भी दोषी बनाकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि खान सुरक्षा के मामले में वैधानिक विभाग के डायरेक्टर आफ माइन सेफ्टी ने दुर्घटना होने के दिन छुट्टी में होने कारण ही विरेंद्र कुमार पटेल को आरोपित नहीं बनाया है, परंतु एसईसीएल मुख्यालय के आईएसओ (इंटरनल सेफ्टी आर्गेनाइजेशन) विभाग के प्रमुख ने विरेंद्र कुमार पटेल को बेवजह आरोपित बना दिया है।
श्रमिक संगठन इसका विरोध करता है। इस संबंध में एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को पत्र लिखते हुए मिश्रा ने कहा कि सुराकछार का प्रबंधन निर्दोष कामगारों को झूठे प्रकरण मे फंसाकर औद्योगिक अशांति फैलाना चाहता है, जो होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रम संगठन प्रबंधन के साथ कोई टकराव नहीं चाहता है, परंतु जबरन मजदूर विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया गया तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और मजदूरों के हितों के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
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