परसा खदान के समर्थित ग्रामीणों ने पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन योजना के तहत रोजगार मांगा

सूरजपुर 03 मई (वेदांत समाचार)। परियोजना से प्रभावित ग्राम साल्हि, फत्तेपुर, जनार्दनपुर, हरिहरपुर इत्यादि के ग्रामीणों ने आज मंगलवार को लगातार दूसरे दिन परसा खदान को शुरू कराने और बाहरी एन जी ओ के खिलाफ जम कर नारे लगाए। जारी वीडियो में सभी ने परसा खदान चालू करो-चालू करो के नारे लगाए साथ ही बैनर और पोस्टर के साथ परसा खदान के स्वागत और पेशेवर विरोधियों एवं उनके झूठे दावों का बहिष्कार करने को कहा। नारा लगाते हुए सभी ने कहा की “हम सब ने ठाना है एन जी ओ को भागना है”, शासन लाओ खदान चालू करो इत्यादि।

गौरतलब है कि परसा कोयला परियोजना को लेकर शुरुवात में कुछ हलचल के बाद सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा रोजगार की आश जगने लगी थी। और जब परियोजना के काम में एक बार फिर अवरोध की सूचना जैसे ही मिली सभी जमीन प्रभावितों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने खदान के समर्थक पुनः नौकरी की मांग के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। वहीं बेरोजगार युवकों ने जल्द नौकरी न मिलने पर अपने आंदोलन को उग्र करने की भी चेतावनी दी है।

ग्राम साल्हि के निवासी वेदराम ने कहा कि “हम परसा कोल माइंस को जमीन देकर मुआवजा भी उठा लिए हैं। मैं राजस्थान सरकार को यह ज्ञापन दे रहा हूँ कि हमें अब जल्द से जल्द नौकरी दिया जाये।”

ग्रामीणों ने बताया की पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन योजना के तहत उन्होंने रोजगार का विकल्प का चयन किया है ताकि जल्दी से उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके किन्तु पिछले 3 सालों से हम इसका इंतजार कर रहे है। अब तो हमारी जमा पूंजी भी गुजर बसर में खर्च होने लगी है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में भारत सरकार द्वारा अन्य राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, आँध्रप्रदेश, राजस्थान इत्यादि को कोल् ब्लॉक आवंटित किये गए हैं| जिसमें राजस्थान सरकार के 4400 मेगावॉट के ताप विद्युत उत्पादन संयंत्रों के लिए सरगुजा जिले में तीन कोयला ब्लॉक परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी), परसा और केते एक्सटेंशन आवंटित किया गया है।

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