गौरेला पेंड्रा मरवाही: एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गाय, गौठान और गोधन के जरिए छत्तीसगढ़ को सशक्त बनाने में जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को प्रशासन के कुछ अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. मामला गौरेला का है. जहां 6 मवेशियों की मौत भूख-प्यास से हो गई है. बताया जा रहा है कि ये मवेशी एक निर्माणाधीन आंगनबाड़ी में बंद हो गए थे. जिससे चारा-पानी नहीं मिलने से इनकी मौत हो गई. आंगनबाड़ी से जब दुर्गंध आने लगी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
गौरेला में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी में मवेशियों की मौत
गौरेला के ग्राम पंचायत सारबहारा में नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवन में 6 जानवरों की मौत हो गई. बीते दिनों छत्तीसगढ़ में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही थी. इसी दौरान मवेशी धूप से बचने के लिए आंगनबाड़ी भवन में चले गए. इस दौरान किसी ने आंगनबाड़ी का गेट बंद कर दिया. इस वजह से भूख-प्यास से मवेशियों की मौत हो गई. आंगनबाड़ी से जब दुर्गंध आने लगी तो आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि निर्माणाधीन आंगनबाड़ी के अंदर मवेशियों के शव पड़े हुए हैं. जिसके बाद घटना की जानकारी अधिकारियों की दी गई. तहसीलदार मौके पर पहुंचे और पंचनामा तैयार कराया. मवेशियों के शवों को आंगनबाड़ी से हटा कर एक बड़े गड्ढे में डालकर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
गौरेला में ग्राम पंचायत की लापरवाही
पशु मालिक मनोज का कहना है कि ‘पिछले 5 से 6 दिनों से वे मवेशियों को खोज रहे थे पर उनका कहीं पता नहीं चला. अब सभी मवेशियों के शव मिले हैं’. मवेशी मालिक ने इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करने की बात कही है.
वार्ड नंबर 15 की पंच सीमा पोर्ते ने बताया कि ‘ भवन का पूरा पैसा निकल चुका है. चैनल गेट लगाने के लिए 15 दिन पहले ग्राम सभा में बात रखी गई थी. उसके बाद भी चैनल गेट नहीं लगाया गया. पंच ने पूरे मामले में ग्राम पंचायत की लापरवाही को प्रमुख कारण बताया.
सारबहारा के जनपद सदस्य असद सिद्दीकी ने बताया कि ‘ साल भर से आंगनबाड़ी बन रहा है लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जिससे इसका फायदा किसी को नहीं मिल रहा है. आंगनबाड़ी खुला रहने के कारण मवेशी इसके अंदर घुसे और फिर वापस बाहर नहीं आ पाए. ग्राम पंचायत के सचिव भी मौके पर नहीं पहुंचे. ग्राम पंचायत की लापरवाही के कारण ही मवेशियों की मौत हुई हैं.
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