हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत अंर्तजातीय विवाह नहीं करने वाले हितग्राही संयुक्त कलेक्टर कोरबा को विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु करें आवेदन : मनीराम जांगड़े

कोरबा, 24 अप्रैल (वेदांत समाचार)। कोरबा जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोई भी नागरिक अंर्तजातीय विवाह करता है तो उसे शासन की योजना के तहत 2.50 हजार रूपये आदिवासी विकास विभाग कोरबा द्वारा सहायता राषि प्रदाय किया जाता है। उक्त योजना से विगत ढे़ड़ वर्षों से जिले के किसी भी हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।इस संबंध मंे गत दिनों अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनीराम जांगड़े  ने जिला कलेक्टर कोरबा सहित प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं विभागीय सचिव डी.डी. सिंह को पत्र लिखकर इस समस्या को लेकर अवगत कराया गया।

उक्त सहायता राषि लगभग 12 हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसका मुख्य कारण यह था कि उक्त हितग्राहियों द्वारा शासन के नियमानुसार हिंदु विवाह अधिनियम 1955 के तहत उन्होंने पंजीकृत संस्था में विवाह नहीं किये थे। इस संबंध में राज्य शासन अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के सचिव डी डी सिंह ने पूरे प्रदेष के कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को 18 फरवरी 2022 को पत्र जारी कर निर्देषित किया कि प्रत्येक जिले के कलेक्टर द्वारा विवाह प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अपने अधीनस्थ किसी भी डिप्टी कलेक्टर या अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अधिकृत किया जाए। ताकि इन लाभार्थियों को उक्त योजना का लाभ मिल सके। शासन के निर्देषानुसार कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू द्वारा विवाह प्रमाण पत्र जारी करने हेतु संयुक्त कलेक्टर विजेन्द्र कुमार पाटले को अधिकृत किया है। इस योजना से लाभ प्राप्त करने के प्राप्त लाभार्थी प्रार्थीगण संयुक्त कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें उक्त योजना का लाभ मिल जाएगा।

इस संबंध में मनीराम जांगड़े ने विगत ढ़ेड़ वर्षों से यहां वहां भटकने के लिए मजबूर उक्त 12 अंर्तजातीय विवाह करने वाले लाभार्थियों से आग्रह किया है कि आप अपने समस्त दस्तावेज के साथ विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु कोरबा जिले के संयुक्त कलेक्टर विजेन्द्र पाटले को आवेदन करें।

साथ ही युवा नेता मनीराम जांगड़े ने शासन के प्रमुख सचिव सहित कलेक्टर कोरबा एवं आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को पत्र लिखकर मांग किया है कि कोरबा जिला में लगभग 184 छात्रावास आश्रम संचालित हैं। उक्त संस्था को संचालित करने में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले कलेक्टर दर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का आज पर्यन्त वेतन निर्धारण विभाग द्वारा नहीं किया गया है, जबकि उक्त कर्मचारी विगत 15 वर्षों से अपनी सेवाएं उक्त संस्था में दे रहे हैं। कोरबा  आदिवासी जिला होने के बावजूद भी उक्त कर्मचारियों का वेतन निर्धारण आज तक न होना समझ से परे है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में किसी विभाग के छात्रावास आश्रम मंे कार्यरत समस्त कर्मचारियों का वेतन निर्धारण सहायक आयुक्त एवं कलेक्टर द्वारा कर दिया गया है। लेकिन कोरबा जिला के उक्त कर्मचारी इस लाभ से वंचित है जो समझ से परे है। इस संबंध में मनीराम जांगड़े ने जिला कलेक्टर एवं राज्य शासन को पत्र लिखकर मांग किया है कि शासन के नियमानुसार इन कलेक्टर दर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का अविलंब वेतन निर्धारण किया जाए।