जांजगीर-चाम्पा, 21 अप्रैल, (वेदांत समाचार)। 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष मलेरिया दिवस की इस साल की थीम -“नवाचार के माध्यम से वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करें और जीवन बचाएं” है। इस अवसर पर मलेरिया के प्रति जागरूकता लाने पर जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
जिले में वर्ष 2000 में 5,303 और वर्ष 2021 में 50 केस पाए गए थे । इस प्रकार जिले में मलेरिया के केसेस काफी हद तक कम हुए हैं। नेशनल फ्रेमवर्क फार मलेरिया इराडिकेशन के तहत् 2030 तक मलेरिया उन्मूलन हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है।2024 तक 1000 की जनसंख्या में 1 से कम मलेरिया केस को लाने का लक्ष्य है। 2027 तक लोकल ट्रांसमिशन को रोकना एवं 2030 तक रिस्टेब्लिशमेंट नहीं होने देना है।
मलेरिया के कारण, सावधानियां और उपचार- मलेरिया मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से होता है।
मलेरिया के लक्षण –
अचानक ठंड लगना, बुखार आना बदन एवं सिर में दर्द, रक्त की कमी, कमजोरी, पसीने के साथ बुखार उतरना, बुखार हर दुसरे या तीसरे दिन या बार-बार आना।
बचाव के घरेलू उपाय-
मच्छरों को न पनपने दें घर के आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने दे। छत पर रखी पानी की टंकीयों को साफ तथा डंक कर रखें। कूलर तथा पानी के बड़े बर्तनों को सप्ताह में एक बार सुखाने के बाद ही उपयोग में लायें। कुँए, तालाब आदि में लार्वा भक्षी गम्बूजिया मछलियों को डालें। बुखार होते ही तुंरत मितानिन, स्वा. कार्यकर्ता से रक्तपट्टी / आर.डी. कीट से मलेरिया की जांच करायें। मलेरिया की जांच एवं दवाईयां सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता / केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। इलाज में देरी होने पर मृत्यू हो सकती है, इलाज में देरी ना करें।
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