अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है भारत के गेहूं की मांग, वर्ष 2021-22 में निर्यात में आया 54.50% उछालभारत के गेहूं की मांग

नई दिल्ली: 

कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2021-22 में कुल गेहूं निर्यात में 54.50% की वृद्धि हुई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2021-2022 के दौरान, भारत का गेहूं निर्यात अब तक के रिकॉर्ड उच्च स्तर 15428 करोड़ रुपये मूल्य पर पहुंच गया है. जो गतवर्ष से पौने चार गुना ज्यादा है. चालू वित्तीय वर्ष में गेहूं का निर्यात 2021-22 के 70 लाख टन से बढ़कर 100 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान है.

 

कृषि निर्यात में वर्ष 2021-22 में, इसके पिछले साल की तुलना में गेहूं सहित अन्य अनाज (54.50 %), चावल (9.24 %), कॉफी (41.15 %), फल-सब्जियां (9.91 %), प्रोसेस्ड फूड आयटम्स (22.15 %) के निर्यात में भी वृद्धि हुई है. कुल कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने 2021-22 में 24.5% की वृद्धि दर्ज की गई है.

NDTV से पिछले हफ्ते कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बात की थी. उनसे जब सवाल किया गया था कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की उपलब्धता पर बुरा असर पड़ा है… क्योंकि इन दोनों देश का Global Wheat Exports में शेयर 29% है… इस नई परिस्थिति को आप कैसे देखते हैं?

इसपर उन्होंने कहा था कि जहां तक गेहूं का मामला है भारत में पर्याप्त उपलब्धता है. वर्तमान परिस्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की जो आवश्यकता है. उसे पूरा करने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है और तत्पर भी है. हमारी कोशिश है कि किसानों को अच्छा बाजार मिले, उनका उत्पादन और फसल की गुणवत्ता दोनों वैश्विक मानव मानकों पर खरा उतरे. पिछले साल 31 लाख 50 हजार करोड़ का कृषि निर्यात हुआ है. गेहूं का निर्यात 2021- 2022 में 54.50 फ़ीसदी बढ़ा है. जब निर्यात बढ़ता है तो किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम भी मिलता है,

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