उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुए योगी आदित्यनाथ सोमवार को दिल्ली जा रहे हैं। चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ को भाजपा संसदीय बोर्ड बोर्ड का सदस्य बनाया जा सकता है। भाजपा के सबसे शक्तिशाली बोर्ड में योगी को स्थान मिलना इसलिए भी अहम है क्योंकि पीएम पद की दावेदारी से पहले नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। योगी से पहले शिवराज सिंह चौहान को भी इस टीम में शामिल किया जा चुका है।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के निधन के बाद से संसदीय दल में पद खाली हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यूपी में जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को पार्टी संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाकर उन्हें इनाम दे सकती है। सोमवार को योगी आदित्यनाथ लखनऊ से दिल्ली पहुंचने के बाद पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इसके बाद उनके नाम का ऐलान हो सकता है।
पीएम पद के लिए दावेदारी?
दरअसल, योगी आदित्यनाथ को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाए जाने को इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि भाजपा के अंदर और बाहर यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि पीएम मोदी के बाद भाजपा में प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा? देश में सबसे अधिक 80 सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस रेस में काफी आगे माना जा रहा है। यूपी में लगातार दूसरी बार जीत का रिकॉर्ड बनाने के बाद उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई है। अब उन्हें संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाए जाने के बाद राजनीतिक विश्लेषक इसे योगी के मोदी राह पर बढ़ने से जोड़कर देख रहे हैं।
[metaslider id="347522"]