रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को श्री राम वन पथ परियोजना के रूप में विकसित कर रही है, लेकिन सरकार की यह परियोजना संभवतः अधिकारीयों को रास नहीं आ रही। सीएम भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप पहले चरण में माता कौशिल्या मंदिर का जीर्णोद्धार और पूरी परियोजना में आने वाले दर्शनीय स्थलों के पहुंच मार्ग को चारों तरफ से 10 किलोमीटर तक फॉर लें बनाने की तैयारी थी, लेकिन एक वर्ष बीत गए माता कौशिल्या मंदिर पहुंच मार्ग का जीर्णोद्धार दूर अधिकारियों ने उस मार्ग को देखना भी मुनासिफ नहीं समझा।
बात माता कौशिल्या मंदिर से लगे कोल्हान नाला से खरोरा पहुंच मार्ग की है। इसकी दूरी मंदिर से महज 1 किलोमीटर होगी, बीते एक वर्ष से ये मार्ग अपने नए स्वरुप का इंतजार कर रहा है। इससे जुड़े मार्गों का जीर्णोद्धार जैसे इस मार्ग को मुंह चिढ़ा रहा हो।
ग्रामीणों के अनुसार इस मार्ग का नवीनीकरण सड़क ठेकेदार ने इसलिए रोक दिया, क्योँकि यह मार्ग लोक निर्माण विभाग के किसी दूसरे संभाग में आता है। अधिकारियों के बीच यह असमंजस्य लोक निर्माण विभाग के आरंग और विधानसभा संभाग के कारण है। इसके पूर्व भी इस सड़क को बनने में सालों का इन्तजार ग्रामीणों को करना पड़ा था, लेकिन सालों दूर कुछ ही महीनों में टूटनी शुरू हुई यह सड़क अब इस कदर खराब हो गई है, की इस सड़क पर बैलगाड़ी चलाने में खतरे का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि इस 2 किलोमीटर की सड़क की नवीनीकरण करने में यदि अधिकारियों को लोक निर्माण विभाग के संभाग की जरुरत पड़ रही है, तो ऐसे में सरकार की ऐसी फ्लैगशिप योजनाओं और परियोजनाओं का बंदरबांट होना तय है, जिसकी चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी है।
ग्रामीणों को आशा है आज रामनवमीं के दिन जब सीएम भूपेश बघेल माता कौशिल्या मंदिर दर्शन करने पहुंचेंगे, तो इस सड़क से जुड़े अधिकारियों को सीएम की नाराजगी का सामना करना पडेगा, साथ ही अब इस सड़क के निर्माण में डेरी नहीं होगी।
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