हड़ताल और नवरात्रि का असरः गेहूं खरीदी केंद्रों में पसरा सन्नाटा, 

खंडवा। प्रदेश में सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल भले ही खत्म हो चुकी हो लेकिन गेंहू खरीदी केंद्रों से किसान अभी भी नदारद है। कर्मचारियों की 7 दिनों की हड़ताल के चलते खरीदी देरी से शुरू हुई जिसके कारण किसानों ने गेहूं को मंडी में ऊंचे दामों पर बेच दिया। फिलहाल गेहूं खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, कुछ खरीदी केंद्रों पर इक्का-दुक्का किसान अपने चने की उपज लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन गेहूं की उपज लेकर नाम मात्र ही किसान आ रहे है।

सहकारी कर्मचारी संघ अध्यक्ष मिश्री लाल पटेल ने बताया कि इसका एक कारण निमाड़ में गणगौर पर्व की धूम भी है। ग्रामीण इलाकों में लोग चैत्र नवरात्रि महोत्सव में व्यस्त है, जिसके चलते किसान भी केंद्र तक नहीं पहुंच रहे है। माना जा रहा है, कि आगामी 4–5 दिनों में खरीदी केंद्र फिर से गुलजार होगी।

बता दें कि खंडवा में इस बार गेंहू की बंपर पैदावार हुई है। उपार्जन के लिए विभाग ने व्यवस्थाएं पहले से जुटा ली थी, लेकिन ऐन वक्त पर सहकारी समिति कर्मचारियों ने हड़ताल छेड़ दी और खरीदी बाधित हो गई। गेहूं उपार्जन के लिए जिले में 34 गोदाम, 54 समिति स्तर के केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन जिले के कई उपार्जन केंद्र ऐसे भी है जहां गेहूं का एक भी दाना नहीं खरीदा जा सका। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को 3 दिन पहले स्लाट बुक करना होगा। कुछ किसानों ने स्लाट भी बुक किए है। चना के लिए कोई स्लॉट बुक की जरूरत नहीं है। चना उपार्जन के लिए 23 केंद्र बनाए गए हैं। जहां चना बेचने के लिए 21,291 किसानों ने पंजीयन कराया है।

उपार्जन केंद्रो पर सन्नाटा पसरा हुआ है, दूसरी ओर जिले में 1 लाख 80 हजार टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। अब देखना होगा कि यह लक्ष्य कैसे पूरा होता है।