अब ये ग्राहक सुकन्या खाता खोलकर अपने बेटी का बना सकते है लखपति, जाने कैसे खुलाये खाता…

छोटी सी बचत के साथ बिटिया को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकते हैआप पोस्ट ऑफिस के साथ ही SBI जैसे किसी भी बैंक में सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते हैं बेटी का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए केंद्र की सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहद आक​र्षक स्कीम है

अगर आपको भी बिटिया के पिता होने का सम्मान मिला है तो यह खबर आपके लिए है। आप अपनी छोटी सी बचत के साथ बिटिया को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। आप पोस्ट ऑफिस के साथ ही SBI जैसे किसी भी बैंक में सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते हैं। बेटी का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए केंद्र की सुकन्या समृद्धि योजना एक बेहद आक​र्षक स्कीम है। अपनी लॉन्चिंग से लेकर अब तक यह योजना काफी लोकप्रिय साबित हुई है।

इस योजना की खासबात यह है कि कोई भी व्यक्ति जिसकी 10 साल से छोटी अधिकतम 2 बेटियां हैं, वह मात्र 250 रुपये के निवेश से बेटी का भविष्य उज्ज्वल बना सकता है। यानि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यहां सिर्फ प्रति दिन 1 रुपये के निवेश से मोटा निवेश कमा सकते हैं।

आप भारतीय स्टेट बैंक यानि SBI सहित किसी भी सरकारी बैंक या डाकघर में जाकर बेटी का जन्म प्रमाण पत्र देकर सुकन्या खाता खुलवा सकते हैं। इसके साथ ही अभिभावक को अपना फोटो, पता एवं पहचान का प्रमाण पत्र जमा कराना होगा। सरकार की इस स्‍कीम में निवेश करने पर आपको बेहतर रिटर्न के साथ ही टैक्‍स सेविंग का फायदा भी मिलता है।

एसबीआई में कैसे खुलवाएं सुकन्या खाता

स्टेट बैंक में सुकन्या खाता खोलने की विधि बहुत सीधी है। इसके लिए आपको निकटतम SBI शाखा जाना होगा, जहां बैंक अधिकारी आपको और सहायता कर सकते हैं। आपको बस इतना करना है कि दस्तावेजों और न्यूनतम जमा राशि के साथ 250 रुपये का सुकन्या योजना के लिए आवेदन पत्र भरना है। एक बार दस्तावेज प्रमाणित होने के बाद आपका खाता सफलतापूर्वक खोला जाएगा। यहां तक ​​कि अगर आपके पास एसबीआई के साथ एक मौजूदा खाता नहीं है, तो यदि आप एक बालिका के कानूनी अभिभावक हैं और साथ ही अन्य पात्रता आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं तो आप एक एसएसवाई खाता खोल सकते हैं। बालिका के नाम पर, एसबीआई एसएसवाई खाता खोलने वाले व्यक्ति को या तो कानूनी अभिभावक होना चाहिए या बालिका के माता-पिता। व्यक्ति को जमाकर्ता होना चाहिए और इस प्रकार खाते का प्रबंधन तब तक करना चाहिए जब तक कि बालिका 10 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाती है।