चरम पर शक्ति की उपासना का उल्लास, मंदिरों में होंगे अनुष्ठान, फिर लगेंगे मेले

Chaitra Navratri 2022 2 अप्रैल (वेदांत समाचार) कोरोना से मिली राहत के चलते दो साल बाद एक बार फिर शक्ति की उपासना का उल्लास चैत्र नवरात्र चरम पर होगा। दो अप्रैल को अश्व पर सवार होकर मां दुर्गा का आगमन होगा। इस बार सभी तिथि उदयाकालीन होने के चलते किसी भी तिथि का क्षय न होने से माता की आराधना पूरे नौ दिन होगी। कोरोना प्रतिबंधों से निजात मिलने के चलते मंदिर में अनुष्ठान बड़े स्तर पर आयोजित होने के साथ ही एक बार फिर मेले भी लगेंगे। ज्योतिर्विद् शिव प्रसाद तिवारी के अनुसार वासंतिक नवरात्र पर्व की समस्त तिथियां उदयातकालीन व पूर्ण होने से बिना वृद्धि एवं क्षय के पूरे नौ दिन की है। महाष्टमी का पूजन नौ व महानवमी का पूजन 10 अप्रैल को होगा।

ऐसे करें पहले दिन पूजन

ज्योतिर्विद् एमके जैन के मुताबिक नवरात्र के पहले दिन सुबह स्नान कर के बाद मंदिर साफ कर फूलों से सजाए। सभी देवी देवताओं का आव्हान कर पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना कर करे। पाट पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसके बीच में अक्षत की ढेरी बनाए। अक्षत के ऊपर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर नाड़ा बांधे। कलश में सुपारी, सिक्का, हल्दी की गांठ, दुर्वा, अक्षत और आम के पत्ते डाले।नारियल पर चुनरी लपेटकर अक्षत की ढेरी रख दे। देवी का आव्हानकर धूप-दीप से पूजा करे। देवी का आव्हानकर धूप-दीप से पूजा करे। इसके बाद भोग लगाए।