चैत्र नवरात्र: आस्था पर महंगाई का असर, तेल के दाम बढ़ते ही जोत शुल्क दो साल में 20 फीसद बढ़ा

रायपुर 31 मार्च (वेदांत समाचार)। चैत्र नवरात्र का पर्व दो अप्रैल से शुरू हो रहा है। इधर इस साल ज्योत जलाने की कीमत में सभी देवी मंदिरों में वृद्धि कर दी है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल 100 से 200 रुपये वृद्धि की है। जानकारी के अनुसार राजधानी के छोटे-बड़े देवी-मंदिरों में 700 से लेकर 1100 रुपये एक जोत के लिए शुल्क लिया जा रहा है। मंदिर ट्रस्टियों के अनुसार तेल के दामों में वृद्धि होने के कारण किया गया है। मूल्य वृद्धि होने पर भी श्रद्धालु खासे उत्साहित है।

चैत्र नवरात्र में दो साल के बाद श्रद्धालु जलाएंगे जोत

इस साल नवरात्र को मनाने के लिए देवी मंदिरों में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। चैत्र नवरात्र में पिछले दो साल से देवी मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना की गई थी। अब इस साल कोरोना महामारी के केस कम होने से शासन-प्रशासन ने पूरी तरह से छूट देकर रखी है। इसको देखते हुए पिछले दो वर्ष की अपेक्षा चैत्र नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह काफी देखने को मिल रहा है। कारण महामारी के कारण नवरात्र का पर्व दो साल खासा प्रभावित हुआ था। उल्लेखनीय है कि अभी देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्र को लेकर रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है।

ज्योति कलश के अभी पंजीयन जारी

देवी मंदिर ट्रस्टियों के अनुसार इस साल जोत जलाने वाले श्रद्धालु काफी उत्साहित है। अभी मंदिरों में ज्योति कलश के लिए पंजीयन जारी है। इनमें महामाया मंदिर, बंजारी माता रावांभाठा, कंकालीन माता, कंकाली माता (आकाशवाणी), रविशंकर विश्वविद्यालय परिसर में स्थित बंजारी माता, शीतला मंदिर आदि मंदिरों में जारी है।