बच्चे की डूबने से मौत, पुलिस रजिस्टर गायब होने से मुआवजा लटका

बिलासपुर 30 मार्च (वेदांत समाचार)  तालाब में डूबने से बच्चे की मौत होने के दो साल बाद भी पीड़ित स्वजन को मुआवजा राशि नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि जांच करने वाली सरकंडा पुलिस ने मर्ग रजिस्टर को गुमा दिया है। जिसके कारण कोर्ट से मुआवजा लटक गया है। दूसरी ओर मृतक के स्वजन सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। स्वजनों ने खात्मा रिपोर्ट की मांग करते हुए एसपी पास्र्ल माथुर से निवेदन किया है। एसपी ने मदद करने का आश्वासन दिया है।

सरकंडा के राजकिशोर नगर अटल आवास के रहने वाले मनोज सिंह राजपुत ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका पुत्र अभय कुमार राजपुत (11) का नौ सितंबर 2020 को दोपहर 1 बजे गढ्ढे में भरे पानी में नहाने के दौरान डूब गया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। सरकंडा पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही थी।

प्रकृतिक मौत से शासन द्वारा पीड़ित पक्ष को सहायता राशि दी जाती है। मामला कोर्ट में लंबित है। स्वजनों ने अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर, एसडीएम अंतिम खात्मा रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए थाना सरकंडा में आवेदन दिया गया है। जो दो माह से ज्यादा हो गया। थाना में जाकर खात्मा रिपोर्ट मांगने पर पुलिसकर्मी फाईल गुम होने की बात करते हैं। जिसके कारण घटना के दो साल बाद भी पीड़ित पक्ष को मुआवजा की राशि नहीं मिली है।

चक्कर लगाते परेशान हो गए

स्वजनों का कहना है कि बेटे की मौत के बाद दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। दूसरी ओर मुआवजा के लिए सरकारी विभागों का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गए हैं। लेकिन अभी तक काम सफल नहीं हुआ है। इस तरह की घटना होने से शासन की ओर से एक माह के भीतर आर्थिक सहायता राशि पीड़ित पक्ष को उपलब्ध करवाने का नियम है। लाचार सिस्टम के कारण पीड़ित पक्ष पिछले दो साल से भटक रहे हैं। अंतिम में स्वजनों ने एसपी माथुर से शिकायत की है।

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