पानी से बिजली बनाने के सबसे बड़े संयंत्र को हरी झंडी, जानिए इसके पांच बड़े फायदे

रायपुर 27 मार्च (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में पानी से बिजली बनाने का बड़ा संयंत्र लगेगा। इस संयंत्र में कुल 1,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना की लागत 4,000 करोड़ की होगी। संयंत्र के लिये सर्वे का काम शुरू हो गया है। बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, ये प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ का पानी से बिजली बनाने का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इसका काम शुरू कर दिया जाएगा।बता दें कि पंप स्टोरेज सिस्टम में पानी के बहाव से बिजली उत्पादन किया जाएगा। उसके बाद उसी पानी को फिर से उपयोग कर बिजली बनाई जाएगी। इस तरह से एक ही पानी से कई-कई बार बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।

अभी हो ये रहा है कि जल विद्युत संयंत्रों में पानी से जो बिजली बन रही है उसमें एक बार उपयोग होने के बाद उसी पानी से दोबारा बिजली नहीं बनाई जा सकती। वो पानी बिजली उत्पादन के दृष्टिकोण से व्यर्थ हो जाती है। अब इस नई परियोजना में पानी को फिर बांध में डालकर उसका बार-बार उपयोग किया जा सकता है। मांग अधिक होने पर अधिक बिजली उत्पादन किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया में पंप की सहायता से उसी बिजली से पानी को फिर से डेम में चढ़ा दिया जाता है। इससे प्रति किलोवाट दो से तीन रुपये की बचत होगी।

बिजली कंपनी का ड्रीम प्राजेक्ट अधिकारियों ने बताया कि मड़वा बिजली परियोजना के बाद राज्य का सबसे बड़ा बिजली प्रोजेक्ट है। ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना व इसके संचालन में अधिक खर्च आने के साथ ही कोयला व ईंधन से चलने की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में रख-रखाव व बिजली उत्पादन में कम लागत को देखते हुए पंप स्टोरेज बिजली संयंत्र भविष्य के लिए बेहतर माना जा रहा है। जनरेशन कंपनी इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देख रही है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के डायरेक्टर एनके बिजौरा ने कहा, प्रदेश में 1000 मेगावाट पंप स्टोरेज बिजली संयत्र लगाने के लिए सरकार से अनुमति मिली है। स्थान चयन व अन्य स्थितियों को देखने के लिए सर्वे का काम चल रहा है। प्रदेश में इस तरह की पहली बिजली परियोजना है जो ताप व जल विद्युत संयंत्र की तुलना में अधिक लाभदायक होगी।