इस्पात संयंत्र में संगठन का प्रदर्शन, प्रबंधन का दावा- स्ट्राइक का नहीं दिख रहा असर

भिलाई 27 मार्च (वेदांत समाचार)।  केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर 28 एवं 29 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया है। इस हड़ताल के पहले दिन सोमवार को भिलाई इस्पात संयंत्र के बाहर ट्रेड यूनियनों ने जमकर नारेबाजी की।

संयंत्र के सभी गेटों के सामने संयुक्त ट्रेड यूनियनों के द्वारा पंडाल लगाकर कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों से हड़ताल में समर्थन की अपील की गई। इधर हड़ताल को देखते हुए संयंत्र प्रबंधन ने भी तैयारी कर ली है प्रबंधन द्वारा शिफ्ट में रिलीवर के पहुंचने पर ही कर्मचारियों को छोड़ा जा रहा है। संयंत्र प्रबंधन ने दावा किया है कि उनके यहां हड़ताल का असर नहीं है। संयंत्र में उत्पादन आम दिनों की तरह ही जारी है, वहीं संयंत्र के तीनों खदानों में भी खनन कार्य जारी है। प्रबंधन ने हड़ताल को अवैध बताया।इधर संयुक्त यूनियनों की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि हड़ताल को किसी भी न्यायालय द्वारा अवैध घोषित नहीं किया गया है। संयुक्त यूनियनों की ओर से स्पष्ट किया गया है कि औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 22 के तहत हड़ताल की सूचना भिलाई में कार्यरत 7 यूनियनों द्वारा 11 मार्च 2022 को दे दी गई है, जिसमें हिंदुस्तान स्टील एम्प्लॉइज़ यूनियन (सीटू) भिलाई स्टील मजदूर सभा (एटक), भिलाई श्रमिक सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (ऐक्टू), स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच और हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन(सीटू) शामिल है।

बैठक का दिख रहा असरहड़ताल के 1 दिन पहले पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर 6 में यूनियन प्रतिनिधियों एवं प्रबंधन के साथ पुलिस प्रशासन की बैठक हुई थी। जिसमें हड़ताल के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने की सभी से अपील की गई थी। इस अवसर पर यूनियनों की ओर से यह शिकायत की गई कि उन्हें कई विभागों से यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि कुछ अधिकारी हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मियों को ट्रांसफर की धमकी दे रहे हैं। इस तरह की धमकी देना अनुचित श्रम व्यवहार के दायरे में आता है।

पुलिस ने आंदोलन को शांतिपूर्ण करने यूनियनों को चेतावनी दी थी इस बैठक का असर आज देखने मिल रहा है। सभी स्थानों पर ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी पंडाल लगाकर कर्मचारियों से केवल समर्थन मांगते रहे इस दौरान किसी भी कर्मचारी को ड्यूटी जाने से रोकने अथवा वापस लौट आने जैसी स्थिति आज नजर नहीं आई।इधर भिलाई इस्पात संयंत्र के दल्ली राजहरा खदान, नंदनी एवं हिररी खदान में सुबह करीब 2 घंटे तक यूनियनों के द्वारा जमकर नारेबाजी की गई, इसके बाद कर्मचारियों ने तीनों ही खदानों में खनन कार्य शुरू कर दिया इस वजह से यहां भी हड़ताल बेअसर रहा। संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से दावा किया जा रहा है कि अधिकांश कर्मचारियों ने हड़ताल को समर्थन दिया है। वे वेतन समझौता 39 माह का बकाया एरियर सहित अन्य मांगों पर यूनियनों के साथ हैं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]