गांव पहुंचा हाथियों का दल, दहशत में ग्रामीण, घर से बाहर निकलना भी हुआ मुश्किल

बिलासपुर।26 मार्च (वेदांत समाचार)  मरवाही क्षेत्र में तीन हाथियों का दल पिछले कई दिनों से विचरण कर रहा है। गुस्र्वार की रात कुम्हारी गांव में हाथी पहुंच गए। टार्च की रोशनी और शोर करने पर वे भाग गए। फिर भी दहशत के कारण ग्रामीण समूह बनाकर जागते रहे। सुरक्षा के लिए वन विभाग ने पांच गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मंगल भवन में रखा है। एक सप्ताह के भीतर हाथियों के हमले से एक बच्ची और एक महिला की मौत होने के बाद मरवाही क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

एक घायल बच्चे का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। हाथियों का दल इलाका छोड़कर नहीं जा रहा है। गुस्र्वार की रात कुम्हारी गांव के ग्रामीण एकत्रित होकर रातभर जाग रहे थे। इसी दौरान अचानक तीनों हाथी गांव पहुंच गए। उन्हें देखकर ग्रामीण घबरा गए। फिर टार्च की रोशनी दिखाकर शोर मचाने लगे। वहां से तीनों हाथी जंगल की ओर चले गए। इसके बावजूद सभी ग्रामीण सुबह होते तक घर के बाहर डटे रहे। वन विभाग का स्टाफ भी ग्रामीणों के साथ रहा। जहां-जहां हाथियों का लोकेशन मिल रहा है, वहां के ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है। सुरक्षा के लिए वन विभाग के अफसर हाथियों को खदेड़ने का प्रयास कर रहा है। लेकिन तीनों हाथी आसपास के इलाके में ही भटक रहे हैं।

महुआ बीनने से किया गया मना

हाथियों के उत्पात को देखते हुए वन विभाग ने ग्रामीणों को महुआ बीनने के लिए जंगल जाने से मना किया है। खास तौर से सुबह ग्रामीणों को अपने घर में रहने के निर्देश दिए हैं। इसी समय महुआ का फल गिरा रहता है, जिसे खाने के लिए हाथी आ जाते हैं। इसके अलावा सभी को सावधान रहने के लिए कहा गया है।कुम्हारी गांव के आसपास करीब 50 आदिवासी बैगा परिवार घने जंगल में रहते हैं। हाथियों की दहशत को देखते हुए सभी ग्रामीणों से घर खाली कराया गया और मंगल भवन में ठहराया गया है। जब तक हाथी दूर के जंगल में नहीं चले जाते, तब तक ग्रामीणों को भवन में ही समय गुजारना होगा।