प्रयागराज 23 मार्च (वेदांत समाचार) । जनसत्ता दल लोकतांत्रिक नेता और निवर्तमान एमएलसी (पूर्व सांसद) अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल को प्रतापगढ़ की एमपी-एमएलए को सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपये अर्थ दंड भी सुनाया है। सजा सुनाए जाने के बाद अक्षय प्रताप को पुलिस ने वापस जिला कारागार पहुंचा दिया। इससे पहले मंगलवार को पेशी के बाद सजा पर फैसला सुरक्षित रखकर अदालत ने अक्षय प्रताप को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था।
कुंडा विधायक रघुराज प्रताप राजा भैया के बेहद करीबी सुल्तानपुर जनपद में जामो के मूल निवासी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने वर्ष 1997 में रोडवेज बस स्टेशन प्रतापगढ़ के पते पर शस्त्र लाइसेंस लिया था। इस पते को फर्जी बताते हुए वर्ष 1997 में तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ला ने अक्षय प्रताप सिंह के विरुद्ध नगर कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान एमपीएमएलए कोर्ट व सिविल जज सीनियर डिवीजन विशेष न्यायाधीश बलराम दास जायसवाल ने 15 मार्च को अक्षय प्रताप सिंह पर दोष साबित कर दिया था और फैसला सुनाने के लिए 22 मार्च को अक्षय प्रताप सिंह को कोर्ट में तलब किया था।
मंगलवार को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लेकर अक्षय प्रताप सिंह को जेल भेज दिया था। अक्षय प्रताप सिंह को आज बुधवार 23 मार्च को दोपहर करीब दो बजे प्रतापगढ़ जिला जेल से कोर्ट लाया गया। दोपहर साढ़े तीन बजे विशेष न्यायाधीश बलराम दास जायसवाल ने उन्हें सात साल की सजा के साथ ही 25 हजार का अर्थ दंड भी लगाया।
राजा भैया ने मंगलवार रात की थी जेल में मुलाकात
कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया से अक्षय प्रताप सिंह की काफी नजदीकी है। मंगलवार रात राजा भैया ने प्रतापगढ़ जेल के भीतर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल से मुलाकात की थी।
तो अब चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे अक्षय प्रताप
अक्षय प्रताप सिंह प्रतापगढ़ के सांसद रहे और अभी एमएलसी हैं। मौजूदा एमएलसी चुनाव में अक्षय प्रताप ने नामांकन किया था। फिर उनकी पत्नी मधुरिका से भी नामांकन कराया गया था। सात साल कैद की सजा सुनाए जाने पर अब जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अक्षय प्रताप का चुनाव लड़ना खतरे में पड़ गया है।
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