भोपाल की एक बस्‍ती में पानी को लेकर दिन-रात जूझ रहे दो हजार रहवासी

भोपाल 23 मार्च (वेदांत समाचार)। राजधानी में दो दर्जन से अधिक झगुग्गी बस्तियों में नल का कनेक्शन नहीं होने की वजह से रहवासियों को पानी के लिए रोजाना मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसा ही हाल जोन 13 के वार्ड 53 में आने वाली संत आसाराम नगर बस्‍ती का है। यहां के करीब दो हजार रहवासी घरों में पानी का कनेक्शन नहीं होने से परेशान हैं। इसके बावजूद निगम द्वारा इन बस्तियों में पानी की कमी दूर करने के लिए ना तो नल कनेक्शन दिए गए और ना ही अन्य कोई व्यवस्था की गई।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक हर घर नल जल देने की बात कर रहे हैं। लोग भी घरों में नल जल का कनेक्शन चाहते हैं। उसके लिए पैस भी जमा करना चाहते हैं। इसके बावजूद निगम अधिकारियों को जनता की चिंता नहीं है। जबकि शहर में जल वितरण को लेकर कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं। रहवासियों का कहना है कि वो नल कनेक्शन के लिए वार्ड, जोन कार्यालयों से लेकर जनसुनवाई तक शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां घरों में लोगों 4 से 6 घंटा तो पानी की व्यवस्था करने में चला जाता है। बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ने की उम्र में परिवार के लिए पानी ढोने में लगे हैं।

पानी की किल्लत से प्राइवेट टैंकरों के बढ़े दामआसाराम नगर में रहने वाले राकेश कुमार ने बताया कि यहां लोगों को पानी जुटाना किसी संग्राम से कम नहीं है। पर्याप्त पानी नहीं मिलने से रहवासी मजबूरी में प्राइवेट लोगों से पानी का टैंकर और ड्रम खरीद रहे हैं। पानी की किल्लत से 300 रुपये में मिलने वाला तीन हजार लीटर क्षमता वाला टैंकर 700-800 रुपये में बिक रहा है। इन टैंकर से मोहल्लों में 200 लीटर का ड्रम 50 रुपये में दिया जा रहा है।

30 फीसदी लोगों तक नहीं पहुचा नल कनेक्‍शनकरीब 23 लाख की आबादी वाले भोपाल में 70 फ़ीसदी आबादी को ही नल जल से जल आपूर्ति हो पा रही है। इसमें भी 70 फ़ीसदी कोलार प्रोजेक्ट से जलापूर्ति हो रही है। संख्या की बात करें तो फिलहाल 17 लाख लोगों तक नल जल है और इसमें 70 फीसदी कोलार से जलापूर्ति की स्थिति में आंकड़ा 12 लाख के करीब बनता है। नर्मदा पर पीएचई और निगम ने मिलकर बड़ा खर्च किया, लेकिन 10 साल में शहर के दो लाख लोगों तक भी नर्मदा का पानी नही पहुंचा पाए।