कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़त, 250 रुपये बढ़कर 4,750 रुपये प्रति क्विंटल हुआ

सरकार ने 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट (Jute) का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी (MSP) 250 रुपये बढ़ाकर 4,750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट के एमएसपी को मंजूरी दे दी. सरकार के द्वारा जारी बयान के अनुसार यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. बयान में सरकार ने कहा कि यह कदम जूट उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक रिटर्न सुनिश्चित करने और गुणवत्ता वाले जूट फाइबर की उपज को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदमों में से एक है.

कच्चे जूट की एमएसपी में बढ़त

सरकार के दवारा जारी एक बयान में कहा गया कि 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट का एमएसपी 4,750 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 250 रुपये अधिक है. इस मूल्य के साथ पूरे भारत में किसानों को औसत उत्पादन लागत पर 60.53 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा. वहीं साथ ही कहा गया कि 2022-23 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित उस सिद्धांत के अनुरूप है जिसमें किसानों को उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना एमएसपी दिये जाने की बात कही गई है. बयान में कहा गया एमएसपी प्रॉफिट मार्जिन के रूप में न्यूनतम 50 प्रतिशत रिटर्न का आश्वासन देता है. इससे न केवल जूट उत्पादकों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित होगा साथ ही वो अच्छी गुणवत्ता वाले जूट फाइबर का उत्पादन बढ़ाने के लिये भी प्रोत्साहित हो सकेंगे. बयान में कहा गया है कि जूट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया मूल्य समर्थन को लेकर केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में अपना काम जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में किसी प्रकार का नुकसान होने पर केंद्र सरकार द्वारा उस नुकसान की पूरा वापस किया जाएगा.

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