छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। शिकार, तस्करी और वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। कोंडागांव जिले में गुरुवार को पुलिस ने तेंदुए की खाल के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर खाल लेकर ग्राहक तलाश रहा था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तंत्र साधना कर पैसों की बारिश करने की अफवाहों की वजह से बाघ व तेंदुए का शिकार बढ़ा है।
बयानार पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति आदनार पुलिया के पास तेंदुआ खाल बेचने ग्राहक तलाश रहा है। सूचना पर पहुंची पुलिस को देखकर संदिग्ध भागने लगा। उसका पीछाकर गिरफ्तार किया गया। आरोपी के झोले (थैला) में तेंदुए की खाल रखा हुआ था। आरोपी ने अपना नाम बिल्लू कोर्राम बताया है। वह तेंदुए की खाल को बेचने जा रहा था। आरोपी ने बताया कि उक्त तेंदुए का शिकार उसने 6 माह पहले किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 09, 39(1)(2), 51 वन्यजीव प्राणी संरक्षण एक्ट 1972 के तहत अपराध दर्ज किया है।
गड़ा धन निकालने व पैसों की बारिश की अफवाह
बता दें तेंदुए की खाल का उपयोग तंत्र साधना में किया जाता है। पैसों की बारिश या गड़ा धन पाने की लालसा में भी इसका उपयोग अंधविश्वासी करते हैं। तेंदुए की खाल व दांतों के इस्तेमाल से दवा भी बनाई जाती है, जिसे पौरुष बढ़ाने के काम में इस्तेमाल करने की बातें भी सामने आती रही है। छत्तीसगढ़ में वन्यप्राणियों की शिकार व तस्करी का लगातार मामला फूट रहा है। कम समय में ज्यादा पैसों की चाहत में वन्यजीवों की तस्करी भी हो रही है।
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