कोरबा,15 मार्च(वेदांत समाचार)। विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर “कर्ण बधिरता जागरूकता पखवाड़ा” मनाया गया। इस दौरान जिला अस्पताल (मेडिकल कॉलेज) व अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में कान की जांच का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान विभिन्न आयु वर्ग के 638 लोगों की नि:शुल्क कान की जांच की गई। साथ ही कान की सुरक्षा और देखभाल संबंधी उपाय भी सुझाए गए।
जन समुदाय में कान की देखभाल और कान की समस्याओं के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से इस वर्ष विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर “राष्ट्रीय कर्ण बधिरता जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया गया। जिसमें विशेष जनजाति (पहाड़ी कोरवा) के 2 मरीज समेत कुल 638 लोगों की कान की जांच की गई। इस संबंध में नोडल अधिकारी डॉ. रविकांत सिंह राठौर ने बताया “राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कान की समस्याओं के लिए कर्ण रोगियों की स्क्रीनिंग की गई । साथ ही ऐसे बच्चे जिनको जन्म से ही बहरापन है, के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट की सुविधा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजना के माध्यम से उपलब्ध कराई गई। स्क्रीनिंग के दौरान कोरबा जिले के करतला ब्लॉक के दो बच्चे कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए मिले, इसके अतिरिक्त जो मरीज मिले उनके रेफरल की व्यवस्था एम्स अस्पताल में की जाएगी । इसके अलावा उनका नियमित रूप से फॉलोअप भी किया जाएगा।“ सलाहकार डॉ. नरेन्द्र जायसवाल ने आगे बताया “जिले में बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य स्तर से ईएनटी (कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ ) तथा ऑडियोलॉजिस्ट यूनिट को कार्यक्रमों की मार्गदर्शिका अनुरूप प्रशिक्षित किया गया है । जिनके माध्यम से जांच शिविर आयोजित किये गए । जिसमें भारत सरकार और छत्तीसगढ़ शासन स्तर से कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए जारी दिशा-निर्देशों का गतिविधियों के दौरान कड़ाई से पालन किया गया।“
डॉक्टर की सलाह है जरूरी – डॉ. नरेंद्र के अनुसार “पखवाड़े के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 334 तथा जिला अस्पताल में कुल 304 यानि कुल 638 लोगों की जांच की गई। इनमें पहाड़ी कोरवा जनजाति के दो मरीज मिले हैं जिन्हें इलाज के लिए एम्स रायपुर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। कान की समस्याओं को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। कान की समस्याओं जैसे कम सुनाई देना, तेज दर्द होना, कान में खुजली होना, कान से रिसाव होने पर तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मुख्यतः बहरेपन की शिकायत अत्यधिक शोर, हॉर्न, लाउडस्पीकर, तेज आवाज में संगीत, पटाखे, कान में संक्रमण, जैसे मवाद आना कान का दर्द, कान में मैल का अधिक होना दुर्घटना में सर या कान में चोट लगने के कारण हो सकती है। इसलिए फौरन डॉक्टरी सलाह जरूरी है।“
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