केवीएस क्लास 1 में एडमिशन के लिए उम्र सीमा बढ़ाए जाने के बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. 5 साल की बच्ची ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है. पढ़िए लेटेस्ट अपडेट..
केंद्रीय विद्यालय क्लास 1 एडमिशन 2022 का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा केवी पहली कक्षा में नामांकन के लिए न्यूनतम उम्र सीमा बढ़ाए जाने से कई अभिभावक नाराज हैं. सरकार के इस फैसले से नाखुश एक 5 साल की बच्ची ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में शिकायत की है. इस याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में क्या कहा गया है? कोर्ट और सरकार की ओर से इस मामले में क्या कहा गया? क्या इससे केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की प्रक्रिया में कोई रुकावट आ सकती है? पढ़िए लेटेस्ट अपडेट…
याचिका में कहा गया है कि ‘केवीएस क्लास 1 एडमिशन के लिए इस साल अचानक उम्र सीमा बढ़ा कर 6 साल कर दी गई. पहले यह 5 साल थी. इससे बच्चों का पूरा एक साल खराब हो जाएगा. यह उनके शिक्षा का अधिकार का भी हनन है, जो उसे भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुच्छेद 14, 21 और 21 ए के तहत मिलता है. इसके अलावा यह दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 (Delhi School Education Act 1973) और राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन एक्ट 2009 के प्रावधानों का भी उल्लंघन है.’
दिल्ली हाईकोर्ट में जब इस याचिका पर सुनवाई हुई तो केंद्र की ओर से वकील ने कहा कि ‘क्लास 1 में एडमिशन के लिए मिनिमम एज लिमिट 6 साल करने का फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के संदर्भ में लिया गया है. देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों इसका पालन करने के लिए बाध्य हैं.’
केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि ‘नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National Education Policy) में स्कूल एजुकेशन के लिए 5+3+3+4 फॉर्मूले का जिक्र है. इसमें जो शुरुआती 5 साल हैं उनमें से पहले 3 साल प्री स्कूल यानी नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के लिए हैं. बाकी के दो साल क्लास 1 और 2 के लिए हैं. एनईपी के अनुसार, स्कूल एजुकेशन का फाउंडेशनल स्टेज 3 से 8 साल की उम्र कवर करता है.’
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