आखिर कौन हैं पल्लवी पटेल, जिन्होंने यूपी के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दी करारी शिकस्‍त

0 पल्लवी पटेल को 1,06,278 वोट मिले जबकि केशव प्रसाद मौर्य 98,941 वोट मिले हैं. पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के सहयोगी अपना दल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. शुरुआत से ही पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य पर बढ़त हासिल की और आखिर में उन्हें ही जीत मिली.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुवाई में BJP लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही है. 1985 के बाद पहली बार सूबे में कोई पार्टी दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है. ये किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन वहीं इस चमत्कार के बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) सिराथू सीट से अपनी गद्दी बचाने में नाकामयाब रहे हैं. वो समाजवादी गठबंधन की पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) से चुनाव हार गए हैं. सपा की प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने 7,337 मतों से केशव प्रसाद मौर्य को हराया है.

पल्लवी पटेल को 1,06,278 वोट मिले जबकि केशव प्रसाद मौर्य 98,941 वोट मिले हैं. पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. शुरुआत से ही पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य पर बढ़त हासिल की और आखिर में उन्हें ही जीत मिली. केशव प्रसाद मौर्य 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के वक्त उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष थे.

परिणाम घोषित होने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वो जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करते हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि, ‘सिराथू विधान सभा क्षेत्र की जनता के फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं, एक-एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूं, जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं.’

कौन हैं पल्लवी पटेल?

बता दें कि पल्लवी पटेल, अपना दल (सोनेलाल) पार्टी की चीफ अनुप्रिया पटेल की सगी बहन हैं. पल्लवी पटेल और अनुप्रिया पटेल के पिता सोनेलाल पटेल ने अपना दल की स्थापना की थी. फिर 2009 में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने पार्टी को संभाला. इसके बाद साल 2014 के लोक सभा चुनाव में अपना दल ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से सांसद बन गईं.

हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी. जिसके बाद अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया. फिर साल 2016 में अनुप्रिया पटेल ने खुद की पार्टी अपना दल बना ली. वहीं अपना दल पार्टी की कमान पल्लवी पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल के पास है.