मतगणना से पहले यूपी में EVM पर फिर बवाल, वाराणसी और इटावा समेत कई इलाकों में विपक्ष ने काटा हंगामा

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्‍न हो जाने के बाद एक बार फिर से ईवीएम (EVM) चर्चा में है. समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ईवीएम में गड़बड़ी और धांधली का मुद्दा उठाया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ की जा रही है और वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट स्थानीय उम्मीदवारों को सूचित किए बिना इसे ले जा रहे हैं. अखिलेश यादव के आरोपों पर उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने साफ तौर पर इनकार किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि एक वीडियो में दिखाए गए ईवीएम ट्रेनिंग के लिए ले जाए जा रहे थे.बीजेपी ने इसे सपा मुखिया की बौखलाहट बताया है. बीजेपी ने कहा है कि अखिलेश को चुनाव आयोग, जनता, प्रशासन किसी चीज पर भरोसा नहीं है. 10 मार्च के बाद उन्हें ईवीएम पर से भी भरोसा उठ जाएगा.

एसपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बढ़ाई पेहरेदारी

दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पोस्टल बैलेट से लेकर EVM की मतगणना के दौरान बरती जाने वाली बारीकी व सावधानी से भी पदाधिकारियों को वाकिफ कराया गया है.वहीं, अखिलेश यादव के निर्देश के बाद सपा के बड़े नेता भी इटावा जिले में मतगणना होने वाली जगह पर देर रात पहुंच गए. इन नेताओं में सपा अखिलेश यादव के चचेरे भाई जिलापंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव भी शामिल हैं, जिन्हें सपा ने जिले में मतगणना के लिए प्रभारी बनाया है. उन्होंने आरोप लगाया अन्य जिले में EVM पकड़ने की शिकायत आ रहीं है, इसलिये हम दिन-रात अपने वोटों और EVM की सुरक्षा में डटे रहेंगे. इस दौरान जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि यहां पर कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे. हम सभी पदाधिकारी मौजूद हैं और मतगणना के आखिरी समय तक डटे रहेंगे

वाराणसी में देर रात तक जारी रहा बवाल

वाराणसी (Varanasi) के पहड़िया मंडी से ईवीएम (EVM) बाहर भेजे जाने को लेकर बवाल हुआ. इसके बाद मंगलवार देर रात लगभग 1.30 बजे प्रशासन व समाजवादी पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं में सहमति बन सकी. अंत ईवीएम की जांच करने पर मामला शांत हुआ. वहीं अधिकारियों ने भरोसा दिया कि इसके बाद भी गड़बड़ी मिली तो चुनाव निरस्त किया जाएगा. इसके बाद गाड़ी से सभी 20 ईवीएम उतार कर अंदर ले जाई गईं और जांच करने पर पता चला कि उसमें बटन पर चुनाव निशान की जगह अल्फा, बीटा, गामा आदि प्रतीक चिन्ह मिले. जांच प्रक्रिया देर रात दो बजे तक चली और जांच के बाद पता चला कि वे सभी डेमो मशीनें थी.

सोमवार को वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल जारी किए गए थे जिसके हिसाब से बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी कर रही है. ऐसे में बीजेपी का कहना है कि अपनी संभावित हार को देखते हुए अखिलेश यादव बौखला गए हैं और इसलिए ईवीएम पर दोष मढ़ने लगे हैं. ईवीएम पर मचे बवाल और आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि, मुख्यमंत्री समेत हमारा कोई भी मंत्री लखनऊ में ज्यादा दिन नहीं रहे. हमने पूरे प्रदेश में दौरे किए हैं, हर ज़िले में जाकर अपने विभागों की समीक्षा की है. इसी का परिणाम है कि बहुमत से भाजपा की सरकार बन रही है.