वैश्विक पटल पर एक ओर जहां सारी दुनिया की निगाहें रूस और यूक्रेन के युद्ध पर लगी हैं. वहीं उन माता-पिताओं की सांसें भी अटकी हैं, जिनके बेटे-बेटियां वहां फंसे हैं. जो युवा सकुशल लौटकर घर आ जाते हैं, उनके परिजन भगवान को धन्यवाद देते हैं. यूक्रेन में पढ़ाई करने गए आकाश गुप्ता गुरुवार रात चित्रकूट (Chitrakoot) लौटे. आकाश ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत खराब हैं. महंगाई तेजी से बढ़ी है, बसें मिल नहीं रहीं हैं. सभी बच्चे वापस लौट चुके हैं. उन्होंने बताया कि हम अपने रिस्क पर घर आए हैं, इसमें सरकार का कोई योगदान नहीं है. हमारे लिए भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने फ्लाइट की व्यवस्था कराई थी.
अकाश ने कहा कि विदेश में मेडिकल की पढ़ाई बहुत सस्ती है, इसलिए युवाओ को दूसरे देश जाना पड़ता है. आकाश के पिता रामबाबू गुप्ता ने बताया कि उनका परिवार बेटे के यूक्रेन में होने के चलते काफी परेशान था. सभी लोग टीवी व मोबाइल से पल-पल की जानकारी जुटाते रहे और आकाश के संपर्क में रहे. आकाश गुप्ता ने बताया कि वह यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे, जहां उनका यह आखिरी साल चल रहा था. तभी यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू हो गया और हजारो छात्र छात्राएं वहीं फंसकर रह गए थे
तिरंगा लगी बस को न रोकने को बताया अफवाह
उन्होंने आगे कहा, हम हर रोज़ ज़िंदगी और मौत के बीच खुद को पाते थे, लेकिन ईश्वर की कृपा से हम वहां अपने रिस्क पर चल पड़े और अपने वतन आ पहुंचे. डॉ आकाश ने मोदी सरकार की कलई खोलते हुए कहा कि हम जैसे भी आये हैं खुद आए हैं. खुद बस का इंतज़ाम किया है. भारत सरकार की ओर से हमें कोई मदद नहीं मिली.
आकाश ने उन खबरों को भी फर्जी बताया जिसमें कहा जा रहा है कि तिरंगा लगी बसों को नहीं रोकता. उन्होंने कहा कि यह सब फर्जी अफवाह है. ऐसा कोई नहीं बचा जो होगा जो डर के साये में न आया हो. उनकी मदद वॉलंटियर्स और यूक्रेन की मीडिया ने की है जिनकी बदौलत वो अपने घर आ सके. वहीं आकाश के घर कई बीजेपी नेता पहुंचे.
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