पेट्रोल-डीजल खरीदना होने वाला है महंगा, 15 से 22 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की उम्मीद: रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन  के बीच अनिश्चित्ता की स्थिति के साथ बरकरार मांग से कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें छोटी अवधि में 95 डॉलर से 125 डॉलर प्रति बैरल के बीच बने रहने की उम्मीद है. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संकट से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price) की घरेलू बाजार में कीमतें 15 से 22 रुपये प्रति लीटर बढ़ने की उम्मीद है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि तेल मार्केटिंग कंपनियां 7 मार्च या उसके बाद कीमतों में बदलाव करेगी, जो मौजूदा राज्य के विधानसभा चुनावों में मतदान का आखिरी दिन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती से कुछ हद तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर कम हो सकता है, लेकिन पूरी तरह नहीं होगा.

मौजूदा समय में, भारत अपने कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी हिस्से का आयात करता है. इसके अलावा तेल की ज्यादा कीमत के बड़े असर से सामान्य महंगाई में बढ़ोतरी का ट्रेंड देखने को मिल सकता है.

देश में महंगाई और बढ़ने के आसार

इससे पहले ही भारत में महंगाई को मापने वाला मुख्य कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स (CPI), जो रिटेल महंगाई को दिखाता है, जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक की टार्गेट रेंज के पार चला गया है. बढ़ोतरी को कमोडिटी की ज्यादा कीमतों पर थोपा गया था. इंडस्ट्री के कैलकुलेशन के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ोतरी से सीपीआई आधारित महंगाई में करीब 10 बेसिस प्वॉइंट्स की बढ़ोतरी होती है.

इस संकट के अलावा कम सप्लाई को लेकर भय ने ब्रैंट क्रूड ऑयल की कीमत को 10 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिया है. यह करीब 120 डॉलर प्रति बैरल पर मौजूद है. शुक्रवार को, ब्रैंट इंडैक्स्ड क्रूड ऑयल 113.76 डॉलर प्रति बैरल पर रहा है.

इन्वेस्टमेंट बैंकर मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि अगर रूस से तेल की सप्लाई आगे भी बाधित रहती है तो इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल 185 डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है. गुरुवार को कच्चा तेल 120 डॉलर के स्तर तक पहुंच चुका था और आज यह 110 डॉलर के रेंज में ट्रेड कर रहा है. दरअसल रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोप के अन्य देश पाबंदियां लगा रहे हैं. इसके कारण भी वह तेल का खुलकर निर्यात नहीं कर पा रहा है. जेपी मॉर्गन के मुताबिक, रूस अभी 66 फीसदी तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है.

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