मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट बुधवार को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की गई है। उन्हें केंद्रीय एजेंसी ने 23 फरवरी को दोपहर 2.45 बजे गिरफ्तार किया था। नवाब मलिक पर आरोप लगाया था कि वह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध के दोषी हैं। दोपहर के सेशन में जस्टिस पीबी वराले की अध्यक्षता वाली बेंच के मौजूद नहीं होने पर वकील तारिक सैयद ने जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनआर बोरकर की बेंच के सामने याचिका का जिक्र किया था।
बॉम्बे एचसी ने मामले की तात्कालिकता (Nawab Malik) को देखते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई आज जस्टिस एसबी शुक्रे की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा की जाएगी। ED ने आरोप लगाया है कि कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की प्रमुख संपत्ति (वर्तमान बाजार रेट 300 करोड़ रुपये) को एनसीपी नेता ने सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से हड़प लिया था। ये वो कंपनी है जो कथित तौर पर उनके परिवार के सदस्यों की है।
ED के अनुसार, यह दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर, उसके बॉडीगार्ड सलीम पटेल और 1993 बम विस्फोटों के दोषी सरदार शाह वली खान की मिलीभगत से किया गया था। हालांकि, मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को ‘अवैध’ बताते हुए अपनी रिहाई की मांग की है।
मुंबई की विशेष PMLA अदालत ने नवाब मलिक को 3 मार्च तक ED की हिरासत (Nawab Malik) में भेजते हुए, ‘अवैध गिरफ्तारी’ के दावे को ये कहकर खारिज कर दिया था कि गिरफ्तारी के आदेश की सूचना आरोपी को दी गई थी। ED की इस दलील का संज्ञान लेते हुए कि मलिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, अदालत ने कहा कि उनसे हिरासत में पूछताछ करनी जरूरी था।
साथ ही, इसने वकील भूमिका गाला को एनसीपी नेता की पूछताछ के दौरान उपस्थित रहने की भी अनुमति दी। इसके अलावा, अदालत ने मलिक के परिवार के सदस्य को ED कार्यालय में उनके लिए घर का खाना ले जाने की अनुमति दी।
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