अमेर‍िका ने 12 रूसी राजनयिकों को किया न‍िष्‍कास‍ित, जासूसी गत‍िव‍िध‍ियों में शामिल होने का लगाया आरोप

अमेरिका (America) ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में रूसी मिशन के 12 सदस्यों को जासूसी में शामिल ‘खुफिया अधिकारी’ होने के आरोप में सोमवार को निष्कासित करने की घोषणा की. यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन ने यह कदम उठाया है. रूस के हमले की अमेरिका और कई अन्य देशों ने निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने एक बयान में कहा कि रूसी राजनयिकों ने जासूसी गतिविधियों में शामिल होकर अमेरिका में रहने के अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसानदेह है.

मिशन ने कहा कि निष्कासन की प्रक्रिया कई महीनों से जारी थी और 193 सदस्यीय विश्व निकाय के मेजबान के रूप में संयुक्त राष्ट्र के साथ अमेरिका के समझौते के अनुरूप है. इस मामले में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया से उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’(एपी) से कहा कि रूसी अधिकारी जासूसी में शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘जब भी वे किसी व्यक्ति को अवांछित घोषित करते हैं, तो यही बहाना बनाते हैं. वे यही एकमात्र स्पष्टीकरण देते हैं.’

रूस ने वियना संधि का ‘गंभीर उल्लंघन’ बताया


यह पूछे जाने पर कि क्या रूस इसे लेकर जवाबी कार्रवाई करेगा, उन्होंने कहा, ‘यह मुझे नहीं तय करना है, लेकिन राजनयिक प्रक्रिया में यह आम बात है.’ नेबेंजिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सोमवार को कहा कि उन्हें रूसी मिशन के खिलाफ मेजबान देश के एक अन्य शत्रुतापूर्ण कदम के बारे में अभी सूचना मिली है. उन्होंने इस कदम को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बीच हुए समझौते और राजनयिक संबंधों को नियंत्रित करने वाली वियना संधि का ‘गंभीर उल्लंघन’ बताया. नेबेंजिया के इस बयान में बाद अमेरिकी उपराजदूत रिचर्ड मिल्स ने निष्कासन संबंधी फैसले की पुष्टि की.

यूक्रेन पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं- रूस


यूक्रेन में जारी रूसी हमले के बीच संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने कहा है कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा है कि रूसी संघ ने इस दुश्मनी को शुरू नहीं किया है. रूस इस युद्ध को खत्म करना चाहता है. रूसी राजदूत का ये बयान ऐसे समय में सामने आया, जब पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश ने यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ा दिया. अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने कहा कि वे यूक्रेन को अधिक स्टिंगर मिसाइल और लड़ाकू विमानों समेत हथियारों की आपूर्ति बढ़ा रहे हैं.

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