रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ माता मावली मेला

नारायणपुर 28 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। जिले में आयोजित ऐतिहासिक माता मावली मेला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि देश दुनिया के लोग अबूझमाड़ को यहां की गौरवशाली परम्परा, कला संस्कृतिक के नाम से जानते हैं। माता मावली मेला बस्तर का सबसे प्राचीन मड़ई-मेलों में से एक है। जिसे लोग एक उत्सव के रूप में मनाते आये हैं। विधायक ने कहा कि अबूझमाड़ की कला, संस्कृति, रीति-रिवाज को देखने समझने देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं।उन्होंने कहा कि आप सभी के मनोरंजन के लिए माता मावली मेला आयोजन समिति एवं जिला प्रशासन ने आप सभी के मनोरंजन के लिए मेला आरंभ होने के दिन से अंतिम दिन तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये थे।

आशा है आप सभी ने उसका भरपूर आनंद उठाया होगा। कोरोना काल होने के कारण मेला आयोजन में कुछ शंकायें थी, जिसे पहल करते हुए जिले में ऐतिहासिक माता मावली मेला आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि रजनू नेताम, जीपी देवांगन, वार्ड पार्षद के अलावा पुलिस अधीक्षक गिरिजाशंकर जायसवाल, , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर, एसडीएम जितेन्द्र कुर्रे, डिप्टी कलेक्टर रामसिंग सोरी, जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय चंदेल, नगर पालिका अधिकारी मोबिन अली के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी ने कहा कि कोरोना काल होने के बावजूद जिले में इतनी भव्यता और गरिमामायी ढंग से मेला आयोजित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं क्षेत्र के विधायक कश्यप का हम धन्यवाद करते हैं।

उन्होंने कहा कि इस 5 दिवसीय मेले में आम जनता के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यकमों के आयोजन किये गये, जहां लोगों ने अबूझमाड़ की कला संस्कृति की झलक देखी। वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधी रजनू नेताम ने कहा कि ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासियों की भलाई के बारे में सोचने और इस पर अमल करने वाले मुख्यमंत्री है। जिन्होंने प्रदेश के आदिवासियों की स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ ही आर्थिक, सामाजिक स्थिति बेहतर करने के लिए कई योजनाएं संचालित की है। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग अपनी लोक, कला और संस्कृति को सहज कर रखें, ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी कला, संस्कृति पर गर्व कर सके।

कार्यक्रम को वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी देवांगन, पार्षद अमित भद्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को जिला प्रशासन ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय चंदेल ने किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन शिक्षक एनपी साहू एवं एलएन ठाकुर ने किया।