सपा नेता उदयभान सिंह को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सपा नेता उदय भान सिंह (Udaybhan Singh) को फिलहाल राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उदय भान सिंह को अंतरिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट अब उदय भान की अर्ज़ी पर होली (Holi 2022) के बाद सुनवाई करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने उदय भान की अर्जी का कोर्ट में विरोध किया था. प्रदेश सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि उदय भान समाज के लिए एक बड़ा खतरा है. उनके खिलाफ 15 मामले दर्ज हैं. वहीं उदय भान का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने कहा था कि इस मामले में सह आरोपी को ज़मानत मिल चुकी है. और उम्र को देखते हुए उदय भान को भी जमानत दी जानी चाहिए.

गौरतलब है कि गोपीगंज में साल 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड में औराई के पूर्व विधायक रहे उदयभान उर्फ डॉक्टर सिंह और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष इकबाल सिंह को दोषी पाया गया था. इस मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

करवारिया बंधु मामले में भी हुई सजा

इसी तरह प्रयागराज में 1996 में हुए जवाहर पंडित हत्याकांड में सांसद पूर्व कपिल मुनि करवरिया, उनके भाइयों पूर्व विधायक उदयभान और पूर्व एमएलसी सूरजभान, फुफेरे भाई रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. इसके अलावा सभी पर कुल 7.20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था. बता दें कि 13 अगस्त 1996 की शाम प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के सिविल लाइंस एरिया में जवाहर पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पीड़ित पक्ष को करीब 23 साल इंतजार करना पड़ा. 4 नवंबर 2019 को करवारिया बंधुओं को सजा सुनाई गई थी.

लंबे इंतजार के बाद मिला न्याय

13 अगस्त 1996 को पूर्व सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित की सिविल लाइंस इलाके में गोली मारकर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में करवरिया बंधुओं को नामजद किया गया था. पुलिस और सीबीसीआईडी द्वारा की गई लंबी जांच के बाद मुकदमे का विधिवत ट्रायल 2015 में शुरू हो सका था. इसके बाद अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपने-अपने पक्ष को साबित करने के लिए साक्ष्यों और गवाहों को पेश किया. लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने करवरिया बंधुओं को हत्या का दोषी करार दिया था.

वहीं, इस मामले में वादी विजमा यादव के वकील लल्लन यादव का कहना है कि अभियुक्तों के लिए अदालत से सख्त से सख्त सजा की मांग की जाएगी, क्योंकि इस घटना में तीन लोगों की मौत हुई थी. और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. सार्वजानिक स्थान पर गोलियां चलाई गईं, जिससे आम लोगों में दहशत फैल गई थी.