सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) 100 बंद पड़ी खदानों को निजी क्षेत्र को सौंपने पर विचार कर रही है। ये वे खदानें हैं, जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन रुका है। कोयला मंत्रालय के मुताबिक निजी क्षेत्र के साथ गठजोड़ से उत्पादकता बढ़ेगी और देश के विकास के लिये जरूरी अतिरिक्त ईंधन उपलब्ध होगा।
इस प्रस्ताव को लेकर कोल इंडिया ने एक बैठक भी की है। इस बैठक में एस्सेल माइनिंग, अडानी एंटरप्राइजेज, टाटा, जेएसडब्ल्यू और जेएसपीएल जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हुईं। कंपनियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
कोल इंडिया की कई ऐसी खदाने हैं जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन रुका/बंद पड़ा है। इसे निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ फिर से उत्पादन के स्तर पर लाने की संभावना है।
23 लाख टन प्रतिदिन कोयला उत्पादन: बता दें कि चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया ने अब तक 57.5 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की है, जो 2020-21 में इस सूखे ईंधन की कुल आपूर्ति से अधिक है। सीआईएल का मौजूदा कोयला उत्पादन 23 लाख टन प्रतिदिन है और इसे बढ़ाकर मार्च में 26 लाख टन प्रतिदिन या अधिक करने की योजना है।
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