क्षेत्रीय पर्यटनीय महत्ता के आधार पर नवीन पर्यटन नीति का प्राविधान हो

जबलपुर, 24 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर ने क्षेत्रीय पर्यटनीय महत्ता के आधार पर नवीन पर्यटन नीति का प्राविधान किए जाने पर बल दिया है। इससे पूर्व भी इस तरह की मांग उठती रही है। प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि किसी भी प्रदेश के आर्थिक उन्नति एवं सांस्कृतिक विकास के लिए पर्यटन सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक है। मध्यप्रदेश पूरे देश में सांस्कृतिक, प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है। जिसकी जनजातीय परंपरा और संस्कृति की अद्भुत भौगोलिक उपस्थिति विश्व के पर्यटन मानचित्र पर एक विशेष स्थान रखता 

जबलपुर पश्चिम से विधायक तरूण भनोत ने प्रदेश में नवीन पर्यटन नीति के प्राविधान करने को लेकर मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र के माध्यम से प्रकट किया है। भनोत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित पत्र के माध्यम से बताया कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से जबलपुर का अतिमहत्वपूर्ण स्थान है। पुण्यसलिला मां नर्मदा के बडे हिस्सों में बसे जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित विश्व प्रसिद्ध धुआंधार जल प्रपात, चौसठ योगनी मंदिर, बरगी बांध में होने वाले साहसिक खेलों, मदन महल का क़िला सहित जबलपुर शहर के 150-200 किलोमीटर के दायरे में स्थित कान्हा, बांधवगढ एवं पेंच टाइगर रिजर्व, मां नर्मदा का उदगम स्थल अमरकंटक और अपनी प्राकृतिक हरियाली और पहाड़ियों की खूबसूरती को लिये पचमढी इत्यादि महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।

डा. पीजी नाजपांडे ने जबलपुर के पर्यटन स्थलों की ठीक से ब्रांडिंग न होने को लेकर चिंता जताई है। अन्य संगठनों को एकजुट होकर आवाज उठाने प्रेरित किया है। उन्हाेंने विधायक भनोत की पहल को उचित करार दिया है। साथ ही इस सिलसिले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का भी मंतव्य जाहिर किया है। इसे लेकर अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय व प्रभात यादव से विमर्श किया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव से रायशुमारी के बाद रणनीति जारी कर दी जाएगी। अब जबलपुर के साथ और भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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