कोरबा 24 फरवरी (वेदांत समाचार)। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने कोरबा कलेक्टर को एक पत्र लिखकर दर्री बाल गृह से भागे दो बालकों मे से एक सातवीं कक्षा मैं अध्ययनरत 14 वर्षीय बालक नहर में कूदकर जान दे दी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन से न्यायिक जांच की मांग की है ।
सिन्हा ने आगे बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन स्वयंसेवी संस्था स्रोत (सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन रूरल एंड ट्राईबल) के द्वारा दर्री थाना अंतर्गत बालगृह का संचालन किया जा रहा है जिसमें 28 बच्चे है शनिवार को बाल गृह से 2 बच्चे भागकर नहर में छलांग लगा दिए जिसमें एक बच्चे की शव छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी संयंत्र के साइफन में फंसा हुआ 4 दिन बाद प्राप्त हुआ पुलिस के गोताखोरों के जरिए सव साइफन से बाहर निकाला गया सव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों में इस बात के लिए आक्रोशित थे कि शासन के अधीन चलाए जा रहे बाल गृह में भी बच्चे सुरक्षित नहीं है प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाल गृह में केवल 28 बच्चों की देखरेख भृत्यद्वारा किया जा रहा था प्रशासन एवं एनजीओ द्वारा सही तरीके से देखरेख नहीं करने के कारण उक्त घटना घटी।
सिन्हा ने आगे बताया कि एनजीओ स्रोत द्वारा चाइल्ड तथा भारत एल्युमिनियम कंपनी बाल्को मैं भी सामुदायिक स्रोतों का संचालन कर रही है दरी बाल गृह में एनजीओ स्रोत के संचालन पर रोक लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए तथा अधीक्षक एवं अन्य जिम्मेदार विभागीय अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा जांच के कमेटी बनाई गई है इस तरह से कई घटनाओं को लेकर प्रशासन द्वारा जांच कमेटी बनाई गई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से सवालिया निशान उठ रहे हैं उदाहरण के रूप में डॉ अशोक मखीजा द्वारा नियम विरुद्ध स्वयं के क्लीनिक में पैसे लेकर वैक्सीनेशन किया जा रहा था कोरोना वैक्सीन कहां से आया आज तक तत्कालीन एसडीएम द्वारा जांच के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही डॉक्टर के विरुद्ध नहीं की गई जिससे पता चल सके डॉक्टर द्वारा उपयोग में लाए जा रहे वैक्सीन नकली था या असली था या चोरी का था या कहां से लाया ।
सिंघानिया ने बताया कि बाल गृह से बच्चे क्यों भागे क्या बच्चे के साथ एनजीओ द्वारा प्रताड़ना मारपीट या भोजन की कमी तो नहीं थी? जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी विनोद सिन्हा ने जिला प्रशासन से इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है ताकि भविष्य में बाल गृहों की सुरक्षा में कमी या सेंध ना लगे जिससे हमारे भावी पीढ़ी सुरक्षित हो सके।
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