मृत छात्र की हत्या के मामले में ममता सरकार ने उठाया कड़ा कदम, 3 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड

पश्चिम बंगाल हावड़ा के आमता थाना क्षेत्र इलाके के मुस्लिम छात्र नेता अनीस खान की मौत Bengal student leader death के मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार (Mamata Banerjee Government) ने कड़ा कदम उठाया है. डीआईजी सीआईडी ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान कई सनसनीखेज मामले सामने आये हैं. उसके बाद सिट के अधिकारियों ने प्राथमिक जांच के आधार पर आमता थाना के तीन पुलिसकर्मियों (Police Suspended) को निलंबित कर दिया है. इनमें आमता थाना के ASI, एक कांस्टेबल और एक होमगार्ड शामिल हैं. आरोप है कि पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने अनीस को छत से फेंक दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इसे लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है. दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर जुलूस निकाले जा रहे हैं. अनीस खान के परिवार ने मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. अनीस के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की है.

अनीस कांड में ने रात भर आमता पुलिस से पूछताछ की. जांच कर रही पुलिस से सिट के दो आला अधिकारियों ने पूछताछ की है. घटना के दिन कौन ड्यूटी पर था, इसकी सूची बनाई गई. उनमें से प्रत्येक से पूछताछ की गई. थाने के ओसी से भी पूछताछ की. सोमवार रात 10.30 बजे डीआईजी सीआईडी ​​ऑपरेशन मिराज खालिद बैरकपुर कमिश्नरेट के ज्वाइंट कमिश्नर ध्रुबज्योति दे की जांच टीम के साथ अामता थाने पहुंची. सिट.अधिकारियों के रात में अनीस के घर जाने की भी संभावना बनी हुई थी. लेकिन वे नहीं गए. जांच के पहले दिन उन्होंने अमता थाने के पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की गई थी. उसके बाद तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

अनीस के परिवार वालों ने पुलिस पर लगाया है आरोप

अनीस के परिवार वाले शुरू से ही पुलिस पर आरोप लगाते रहे हैं. जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना वाले दिन थाने में कौन ड्यूटी पर था. घटना वाले दिन अनीस के घर के पास पार्टी थी. वहां पुलिस भी तैनात थी. दूसरे शब्दों में, जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुलिस कहां काम कर रही थी. फिलहाल यह जानकारी एसआईटी ने जुटाई है. पूछताछ सुबह 4:15 बजे तक चली. मंगलवार को फिर से अनीस के घर जाने की संभावना है.

पुलिस की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल

अनीस कांड में पुलिस की भूमिका को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. क्या पुलिस ने 19वीं शिकायत दर्ज होने के बाद अनीस के लापता मोबाइल फोन को खोजने की कोशिश की? पुलिस को पहले ही पता चल जाता कि मोबाइल अनीस के घर में है. पुलिस को मोबाइल घर के बारे में तब तक पता नहीं चला जब तक घरवालों ने 21 तारीख नहीं बताई. पुलिस ने मोबाइल ट्रक क्यों नहीं किया? दूसरा, पुलिस ने तीन दिन बाद स्केच क्यों नहीं बनाया? अनीस के पिता बार-बार कहते हैं कि वह उस रात आने वालों को पहचान सकते हैं. ऐसे में आरोपी की शिनाख्त का प्रयास क्यों नहीं किया गया? अनीस गांव के रास्ते में सीसीटीवी लगा है. पुलिस ने फुटेज क्यों नहीं खंगाली. तब पता चलता कि उस रात गांव में कौन घुसा?

आमता पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का लगा है आरोप

सवाल यह है कि गांव के एक सिविक वोलेंटियर्स ने अनीस ने इस घटना पर टिप्पणी क्यों की कि अनीस ने आत्महत्या कर ली है.अनीस के परिवार ने शुरू से ही शिकायत की थी कि उस रात पुलिस आई थी. उसके बाद जिला पुलिस ने अमता थाने के पुलिसकर्मियों से पूछताछ क्यों नहीं की. हालांकि, सिट की जांच शुरू करने के बाद पहले पुलिस कर्मियों से पूछताछ की गई. घटना वाले दिन मोबाइल टावर लोकेशन चेक कर रहा है. जिला पुलिस ने ऐसा पहले क्यों नहीं किया? तो क्या शुरू से ही जिला पुलिस किसी को छिपाने की कोशिश कर रही थी? हालांकि असली गुत्थी सुलझ नहीं पाई.