IDBI Bank को बेचने की तैयारी तेज, अप्रैल तक खरीदारों से बोली मंगा सकती ही सरकार

सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) इस बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी. वर्तमान में इस बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है.

 (IDBI Bank) में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी तेज हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार अप्रैल में आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित कर सकती है. इस बैंक में सरकार और  (Life Insurance Corporation) की हिस्सेदारी 95 फीसदी के करीब है. सरकार को अगले नौ महीने के भीतर यह हिस्सेदारी बेचनी है. हिस्सेदारी बेचने को लेकर कहा गया है कि प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 26 फीसदी वाला नियम बिक्री के लिए बाधा नहीं है. सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) इस बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी. वर्तमान में इस बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी और सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. वर्तमान में एलआईसी ही इसका प्रमोटर है.

आईडीबीआई बैंक का प्रमोटर एलआईसी आईपीओ लाने की तैयारी में है. सेबी के पास जमा आईपीओ दस्तावेज में लाइफ इंश्योरेंस ने कहा कि वह अब इस एसोसिएट बैंक में और ज्यादा कैपिटल इंफ्यूजन नहीं कर सकता है. ऐसा करने से उसकी वित्तीय सेहत पर बुरा असर होगा. लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ने 23 अक्टूबर 2019 को आईडीबीआई बैंक में 4743 करोड़ का कैपिटल इंफ्यूजन किया था. यह पैसा पॉलिसी होल्डर्स का था.

दिसंबर 2020 से LIC के एसोसिएट बैंक का दर्जा

इसके बाद बैंक ने क्वॉलिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट यानी QIP की मदद से 19 दिसंबर 2020 को 1435 करोड़ का फंड इकट्ठा किया. 21 जनवरी 2019 से आईडीबीआई बैंक एलआईसी का सब्सिडियरी बन गया. उससे पहले लाइफ इंश्योरेंस ने बैंक में 82 करोड़ 75 लाख 90 हजार 885 एडिशनल शेयर खरीदे, जिसके बाद उसकी हिस्सेदारी 51 फीसदी पार कर गई. बाद में एलआईसी ने अपनी कुछ हिस्सेदारी घटाई और 19 दिसंबर 2020 को आईडीबीआई बैंक को एसोसिएट कंपनी का दर्जा दिया गया. उस समय से एलआईसी की बैंक में हिस्सेदारी 49.24 फीसदी पर सीमित है.

दिसंबर तिमाही में प्रॉफिट में आया 53 फीसदी का उछाल

IDBI बैंक का दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में उसका एकल आधार पर शुद्ध लाभ 53 फीसदी बढ़कर 578 करोड़ रुपए हो गया. पिछले वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आईडीबीआई बैंक ने 378 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था. बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि वर्ष 2020-21 की समान अवधि के 6,003.91 करोड़ रुपए की तुलना में समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय घटकर 5,772.86 करोड़ रुपए रह गई. आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की शुद्ध ब्याज आय 31 फीसदी बढ़कर 2,383 करोड़ रुपए हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 1,817 करोड़ रुपए थी.

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