मुंबई महानगरपालिका के स्कूलों में ‘भगवद गीता’ का नहीं तो क्या ‘फ़तवा-ए-आलमगीरी’ का पाठ होगा? BJP विधायक नितेश राणे का CM उद्धव से सवाल

बीजेपी विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को पत्र लिखा है. अपने पत्र में नितेश राणे ने भगवद गीता के पठन-पाठन का मुद्दा उठाया है. उन्होंने लिखा है कि भगवद गीता का पाठ करने का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सवाल किया है कि स्कूलों में ‘भगवद गीता’ का पाठ नहीं तो क्या ‘फ़तवा-ए-आलमगीरी’ का पाठ होगा? बीजेपी नेता योगिताबाई कोली ने मुंबई महानगरपालिका के स्कूलों में (Bhagvad Geeta for BMC Schools in Mumbai) भगवद गीता का पाठ किए जाने की मांग की है. समाजवादी पार्टी इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है. समाजवादी पार्टी के विरोध पर खेद व्यक्त करते हुए नितेश राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है.

नितेश राणे ने अपने पत्र में कहा है कि, ‘हिंदूहृदयसम्राट स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के बेटे होने की वजह से आपसे हमारी कुछ अपेक्षाएं हैं. भगवद गीता के पाठन और वाचन के प्रस्ताव को मंजूर करें. इस संबंध में तुरंत आदेश दें.’ जनवरी महीने से कर्नाटक के उडूपी इलाके के शिक्षा संस्थान में हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं है कि मुंबई के स्कूलों में अब भगवद गीता के पाठ की मांग शुरू हो गई है. नितेश राणे की मांग पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का क्या जवाब आता है, यह देखने वाली बात होगी. नितेश राणे ने इस संबंध में एक वीडियो भी ट्वीट किया है. इस वीडियो में उन्होंने भारत का उल्लेख ‘हिंदू राष्ट्र’ के रूप में किया है.

नितेश राणे का भगवद गीता के वाचन और पाठन की मांग को लेकर ट्वीट

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे नितेश राणे के पत्र में क्या है?

अपने पत्र में नितेश राणे ने स्कूलों में भगवद गीता के पाठन की इजाजत देने की मांग की है. अपने मांग के समर्थन में उन्होंने लिखा है कि जिस तरह से भारतीय संस्कृति के योग को पूरी दुनिया में स्वीकार किया गया है, उसी तरह दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में एथिक्स और तत्वज्ञान से संबंधित अध्यायों में भगवद गीता से संबंधित ज्ञान को शामिल किया गया है. अमेरिका के सेटॉन हॉल यूनिवर्सिटी में भगवद गीता और मैनेजमेंट नाम का एक पूरा कोर्स सिखाया जा रहा है. चाहे वो तत्वज्ञान का क्षेत्र हो या फिर कॉरपोरेट से जुड़ा क्षेत्र, सभी क्षेत्रों में भगवद गीता की अहमियत समझी जा रही है.यह ग्रंथ मानव कल्याण का रास्ता बताता है.

‘गीता नहीं तो क्या फ़तवा-ए-आलमगीरी पढ़ें? विरोध के आगे कतई ना झुकें’

नितेश राणे ने अपने पत्र में कहा है कि, ‘भगवद गीता के पठन-पाठन से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा. इसमें किसी भी तरह की शंका की कोई वजह नहीं है. लेकिन हमारे देश में गीता के पठन-पाठन का विरोध हो रहा है. क्या विद्यार्थियों को फ़तवा-ए-आलमगीरी पढ़ने को कहा जाए? ताकि मुख्तार अंसारी जैसे लोग घर-घर जन्म लेने लग जाएं?’

आगे नितेश राणे ने अपने पत्र में लिखा है, ‘मुझे विश्वास है कि स्वर्गीय हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे के बेटे होने के नाते भगवद गीता के पाठ को लेकर हो रहे विरोध के सामने आप नहीं झुकेंगे और योगिताताई कोली के मांग पर गौर करते हुए इसके पठन-पाठन से संबंधित तुरंत आदेश देंगे.’