कोरबा, करतला 16 फरवरी (वेदांत समाचार)। कोरबा जिला के करतला विकासखण्ड स्थित ग्राम पंचायत महोरा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण किये जा रहे मिट्टीतेल,शक्कर में हितग्राहियों को चिल्हर के नाम पे ठगा जा रहा है।ग्राम पंचायत महोरा में स्वसहायता समूह के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण किया जाता है। उजाला कोसा धागाकरण स्वसहायता समूह के अध्यक्ष चाम्पा बाई कंवर के द्वारा अपने समिति के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत महोरा पंचायत में खाद्यान्न वितरण किया जाता है जिसमे खाद्यान्न वितरण में उनके द्वारा मनमानी किया जा रहा है और गरीबों को चूना लगाया जा रहा है। गरीबों को पिछले कई महीनों से शक्कर 20 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मिट्टीतेल 60 रुपये प्रति लीटर की दर से दिया जा रहा है जबकि समिति संचालक हितग्राहियों को चिल्हर के नाम पर तय दर से अधिक रुपये लेकर खाद्यान्न दिया जा रहा है। राज्य शासन के द्वारा गरीबों को सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकान प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थापित किया गया है लेकिन ग्राम पंचायत महोरा के सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकान में गरीबों से चिल्लर के नाम पर पैसे की उगाही किया जा रहा है। महोरा में सैकड़ो की संख्या में हितग्राही हैं और समिति संचालक के इस रवैये से ग्रामीण बेहद परेशान हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बिल्ली को दूध की रखवाली पर बैठा दिया गया है, और बिल्ली हमारे हिस्से का दूध भी पीने में परहेज नहीं कर रही है। शासन द्वारा हम गरीबों को जो राशन कम मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है, उसमें भी संचालक द्वारा चुपचाप कमीशनखोरी कर ली जाती है । शक्कर हमें रुपए 20 में और मिट्टी तेल ₹60 में दिया जाता है। अब देखना यह है कि प्रशासन समिति संचालक के ऊपर क्या कार्रवाई करता है। प्रशासन गरीब ग्रामीणों को न्याय दिलाता है या ग्राम महोरा के ग्रामीण भविष्य में भी लूटते रहेंगे।
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