कोरबा 16 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल को आज कौन नहीं जानता? लेकिन क्या आपको पता है कि जब वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए बिहार से चले थे, तो एकदम खाली हाथ थे. सिर्फ एक टिफिन बॉक्स और बिस्तर बंद था उनके पास. अपनी इसी याद को उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया है. जानें उनकी रोचक कहानी…
20 साल से कम उम्र में छोड़ा था घर सिर्फ टिफिन बॉक्स, बिस्तर बंद था साथ जब भी हम किसी बड़े उद्योगपति की खबर पढ़ते हैं, तो उसकी नेटवर्थ, लक्जरी गाड़ियों, महंगे शौक और रहन-सहन के बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन कई लोग अपनी किस्मत खुद लिखते हैं और इन्हीं में से एक हैं वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल, जो बिहार से खाली हाथ सपनों के शहर मुंबई आए थे और फिर इस शहर ने उनकी किस्मत बदल दी…
बस टिफिन बॉक्स और बिस्तर बंद था साथ
अनिल अग्रवाल ने ट्विटर पर अपने पुराने दिनों की यादें साझा की हैं. उन्होंने लिखा है, ‘करोड़ो लोग अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आते हैं, मैं भी उन्हीं में से एक था. मुझे याद है कि जिस दिन मैंने बिहार छोड़ा, मेरे हाथ में सिर्फ एक टिफिन बॉक्स और बिस्तर बंद था. इसके साथ आंखों में सपने, मैं विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन पहुंचा और पहली बार कई चीजों को देखा…’
पहली बार देखी काली-पीली टैक्सी, डबल डेकर बस
अनिल अग्रवाल ने लिखा, ‘‘ मैंने पहली बार काली-पीली टैक्सी, डबल डेकर बस और सिटी ऑफ ड्रीम्स (City of Dreams) को देखा. इन सब चीजों मैंने सिर्फ फिल्मों में देखा था. मैं युवाओं को कड़ी मेहनत से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं ताकि वो बुलंदियों को छू सकें. अगर आप मजबूत इरादे के साथ पहला कदम उठाएंगे, मंजिल मिलना तय है.’
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