रायगढ़ 15 फरवरी (वेदांत समाचार)। तहसील कार्यालय में जमीन के नामांतरण कराने बाबत बीते शुक्रवार को वकीलों और नायब तहसीलदार के बीच विवाद हुआ था। यह विवाद मारपीट में तब्दील हो गया मारपीट होने के बाद से ही प्रशासनिक अधिकारियों और वकीलों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। तहसीलदार, लिपिक समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी हड़ताल पर चले गए और जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो गया।
तहसील कार्यालय में बड़ी संख्या में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोग जमीन बटांकन, नामांकन आदि काम कराने के लिए पहुंचते हैं। सोमवार से एकाएक हड़ताल होने की वजह से इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते राजस्व कार्यालय में काम लेकर पहुंचे आम लोगों को भटकना पड़ा। आय, निवास, जाति प्रमाण पत्र के साथ ही राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त कराने, नामांकन सहित अन्य काम के लिए रोज तहसील ऑफिस में सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। सोमवार की सुबह से दोपहर तक लोग ऑफिस का चक्कर लगा रहे लेकिन हड़ताल के चलते उनका काम नहीं हो पा रहा और वे वापस लौटने को मजबूर हैं।
गिरफ्तारियों के बाद हड़ताल आंशिक स्थगित
इस मामले में नामजद अधिवक्ताओं की गिरफ़्तारी व कलेक्टर भीम सिंह के आश्वासन के बाद छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने सोमवार को एक दिवसीय अपनी हड़ताल स्थगित की लेकिन कर्मचारी संघ अभी भी सभी गिरफ्तारियों और सुरक्षा की मांग पर अड़ा हुआ है जिसका खमियाजा आम जनता भुगत रही है।
विवाह का सपना अधर में लटका
इस हड़ताल का असर उन जोड़ियों पर भी पड़ा जिन्होंने 14 फ़रवरी का दिन यादगार बनाने कोर्ट में विवाह करने का फैसला लिया था।मिली जानकारी के मुताबिक कल 14 फ़रवरी को तक़रीबन दो दर्जन जोड़ों का विवाह कानूनी प्रक्रिया के तहत होना था।चूँकि न्यायालय के सारे कामकाज हड़ताल की वजह से ठप्प हो गए हैं लिहाजा परिणय सूत्र में बंधने जा रही कई जोड़ियों का सपना भी अधर में ही लटक गया। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश जोड़े वे है जिन्होंने प्रेम विवाह किया है जिसे कानूनी मान्यता देने वे न्याययिक प्रक्रिया मे सम्मलित होने की कवायद में थे।
छत्तीसगढ़ तहसील अधिकारी कर्मचारी की हड़ताल कल आंशिक रूप से स्थगन के बाद आज पुनः जारी है उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
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