एक्सिस बैंक (Axis Bank) लिमिटेड सिटीग्रुप (CitiGroup) इंक के भारतीय रिटेल बैंकिंग (Retail Banking) कारोबार को खरीदने की डील करने जा रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रांजैक्शन की वैल्यू करीब 2.5 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है. उस यह मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है. कंज्यूमर यूनिट के लिए समझौते का ऐलान अगले कुछ हफ्तों में किया जा सकता है और उसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. डील में कैश का हिस्सा 2 अरब डॉलर से कम होगा, जो ग्राहकों के बिजनेस की लायबिलिटी होगी.
भारतीय बैंक उसके प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर खरीदार के तौर पर सामने आया है, जिसमें मौजूदा सिटीग्रुप के कर्मचारियों के लिए जॉब सिक्योरिटी और प्रतिसपर्धा की चिंताओं को कारणों में लिया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति ने बताया कि एक्सिस बैंक को देश में सिटी ग्रुप के साथ उसके कंज्यूमर बिजनेस का मर्जर करने के लिए करीब छह महीने के समय की जरूरत होगी. जहां बातचीत में तेजी आई है, वहीं समझौते में देरी हो सकती है. एक्सिस बैंक और सिटीग्रुप के प्रतिनिधियों ने अभी तक इस मामले में अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कई देशों में बैंकिंग से अलग होगा सिटीग्रुप
सिटीग्रुप के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर Jane Fraser के लिए, भारत में उसकी रिटेल सेल अमेरिकी बैंक को आसान बनाने की रिस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है. बैंक के लिए एशिया और यूरोप के 13 देशों में रिटेल बैंकिंग ऑपरेशंस से अलग होकर हाई-ग्रोथ बिजनेस जैसे वेल्थ मैनेजमेंट पर फोकस है. देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एक्सिस बैंक कोरोना महामारी की पहली दो लहरों के बाद बढ़ी हुई डिमांड का फायदा लेने के लिए रिटेल लोन को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता रहा है.
मुंबई में आधारित एक्सिस बैंक ने जनवरी में कहा था कि उसका तीमाही मुनाफा कर्ज देने से मजबूत कमाई की वजह से तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है. इसके साथ उसका नॉन-कोर बिजनेस जैसे फीस और ट्रेडिंग में भी प्रदर्शन अच्छा रहा है. इसके पीछे वजह कोरोना वायरस महामारी की स्थिति बेहतर होने से कंज्यूमर डिमांड में रिवाइवल आना है.
आपको बता दें कि एक्सिस बैंक का मुनाफा पिछली तिमाही से इस तिमाही तक 3 गुना बढ़ा है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एक्सिस बैंक के मुनाफे में 225 परसेंट का उछाल देखा गया है. अक्टूबर-दिसंबर 2020 से अक्टूबर-दिसंबर 2021 के बीच बैंक का यह मुनाफा 3,614 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसकी कई बड़ी वजहें बताई जा रही हैं जिनमें सबसे अहम लोन में आई बड़ी तेजी है. यह तेजी रिटेल और कॉरपोरेट लोन सेगमेंट में बराबर रही है.
[metaslider id="347522"]