REET धांधली में राजीव गांधी स्टडी सर्किल पर फिर उठे सवाल…धारीवाल बोले, किसी एक व्यक्ति के चलते संगठन को बदनाम करना गलत

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में रीट पेपर लीक मामले पर 3 दिन से चल रहा गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया है. विधानसभा में रीट धांधली के मुदृदे पर सीबीआई जांच की मांग पर हुए हंगामे के बाद बीजेपी के चार विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधायकों के निलंबन वापसी का ऐलान किया. इसके बाद विधानसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर रीट पर चर्चा शुरू की गई. विधानसभा में रीट धांधली पर 2 घंटे तक बहस चली जिसमें विपक्ष की ओर से सतीश पूनिया, गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ने अपनी बात रखी जिसके बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया.

बीजेपी विधायकों ने दो घंटे की बहस के दौरान सीबीआई जांच की मांग को दोहराया और जिला स्तर पर पेपर केंद्रों में समन्वयकों की नियुक्ति और राजीव गांधी स्टडी सेंटर पर सवाल खड़े किए वहीं मंत्री धारीवाल ने सीबीआई जांच की मांग ठुकराते हुए एजेंसी की कार्यप्रणाली और इतिहास के बारे में बताया. वहीं धारीवाल ने बीवीजी घोटाले में लिप्त पाए गए निंबाराम और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए.

किसी एक व्यक्ति से पूरे संगठन पर छींटे नहीं लगा सकते हैं : धारीवाल
रीट पर बहस के दौरान धारीवाल ने जिला स्तर पर पेपर केंद्रों में समन्वयकों की नियुक्ति के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी राज में आरएसएस और बीजेपी के संगठनों से जुड़े रिटायर्ड लोगों को डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर लगाया जाता रहा है. वहीं हमनें पाराशर को-ऑर्डिनेटर लगाया जिसके कारण हमें नीचे देखना पड़ा. धारीवाल ने आगे कहा कि किसी एक व्यक्ति की वजह से पूरे संगठन को बदनाम नहीं किया जा सकता है.

राजीव गांधी स्टडी सेंटर का रीट पेपर लीक में नाम आने पर धारीवाल ने कहा कि क्या-क्या काम नहीं किए हैं राजीव गांधी स्टडी सर्कल ने, कितने सेमीनार और अन्य आयोजन किए हैं. आरएसएस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की वजह से अगर पूरा संगठन बदनाम होता है तो आपका आरएसएस तो बदनाम हो चुका. बता दें कि धारीवाल का यह तंज बीवीजी कंपनी के एक पेमेंट मामले में सामने आए निंबाराम को लेकर था जो काफी समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं.

वहीं गुलाब चंद कटारिया ने फिर आरोप लगाया कि मंत्री सुभाष गर्ग के इशारे पर रीट परीक्षा में राजीव गांधी स्टडी सेंटर से जुड़े प्राइवेट लोगों को भी को-ऑर्डिनेटर बनाया गया और को-ऑर्डिनेटर बनाए जाने वाले लोगों में काफी लोगों के प्राइवेट स्कूल हैं. कटारिया ने दोहराया कि सीबीआई एक राज्य के मुख्यमंत्री को अंदर बंद करने की ताकत रखती है इसलिए हम रीट मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

39 जिला समन्वयक वही थे जो बीजेपी सरकार में लगाए गए : बीडी कल्ला
वहीं रीट धांधली पर बहस के दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान में पेपर नकल गैंग पुरानी समस्या रही है जिसे रोकने के लिए गहलोत सरकार अब कड़ा कानून लेकर आ रही है. कल्ला ने कहा कि हमने वीके व्यास की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है जो 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी.

वहीं समन्वयक की नियुक्ति पर कल्ला ने सदन में बताया कि गत बीजेपी सरकार में प्राइवेट लोगों को समन्वयक बनाया जाता रहा है. रीट को लेकर कल्ला ने कहा कि इस परीक्षा में 39 जिला समन्वयक वही थे जो बीजेपी राज में 2016 में लगाए गए थे.

गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार और मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी जिसके बाद मंगलवार शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि सीएम गहलोत रीट को लेकर भी जवाब दे सकते हैं. वहीं सरकार इससे पहले रीट में हुई धांधली पर सीबीआई जांच करवाने से इनकार कर चुकी है.