देवदूत बने सैनिक : डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर महिला मरीज को हेलिपैड तक पहुंचाया

श्रीनगर13 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे बांडीपोरा के बारुब में अब्दुल कबीर नाइक अपनी पत्नी के बचने की उम्मीद छोड़ चृुका था। डाक्टरों ने उसकी पत्नी को जिला अस्पताल या वादी के किसी अन्य बड़े अस्पताल में जल्द पहुंचाने की सलाह दी थी ताकि समय पर सही उपचार उसे बचा सके। लेकिन सड़क बर्फ के कारण बंद हो चुकी थी। हैलीकाप्टर का बंदोबस्त अगर हो भी जाता तो हैलीपैड तक पहुंचना मुश्किल था। ऐसे हालात में उसके लिए निकटवर्ती सैन्य शिविर में मौजूद सैनिक किसी देवदूत की तरह उसकी मदद के लिए आए। अब्दुल कबीर ने किसी तरह से दावर स्थित ब्लाक मेडिकल अधिकारी से संपर्क किया। उसने उसे अपनी मुश्किल बताई।

ब्लाक मेडिकल अधिकारी ने कहा कि वह किसी तरह से जिला प्रशासन से आग्रह कर सिर्फ हैलीकाप्टर का बंदोबस्त करवा सकता है, लेकिन हेलीपैड तक उसे ही अपनी पत्नी को किसी तरह पहुंचाना होगा। हैलीपैड तक पहुंचने का रास्ता भी बर्फ से बंद था। कोई भी बीमार औरत को लेकर बर्फ में पैदल चलने को तैयार नहीं था। रास्ते में हिमस्खलन का भी खतरा बना हुआ था।

चारों तरफ से निराश अब्दुल कबीर किसी तरह निकटवर्ती सैन्य शिविर में पहुंचा। सेना के जवानों ने जब सुना की उसकी पत्नी फजली बेगम की हालत बिगड़ चुकी है। अगर उसे समय रहते अस्पताल न पहुंचाया गया तो वह गांव में ही दम तोड़ देगी। जवानों ने उसी समय अपने साजो सामान के साथ गांव का रुख किया। उनके साथ एक डाक्टर भी रवाना हुआ। बर्फ में पैदल चलते ही जवान गांव में पहुंचे। उनके साथ आए सैन्य डाक्टर ने फजली बेगम को आवश्यक उपचार प्रदान किया। इसके बाद जवानों ने उसे स्ट्रेचर पर लिटाया और फिर बर्फ में करीब डेढ़ किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उसे लेकर पैदल चल हैलीपैड पर पहुंचे। इसके बाद बाद फजली बेगम को उसका पति अब्दुल कबीर हैलीकाप्टर में लेकर जिला अस्पताल बांडीपोरा पहुंचा। जिला अस्पताल में मौजूद डाक्टरों ने बताया कि फजली बेगम अगर समय रहते अस्पताल न पहुंचती तो उसका बचना मुश्किल था। फिलहाल, उसकी हालत में सुधार हो रहा है।

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