CBI ने BJP नेता अभिजीत सरकार हत्या मामले में 7 फरार आरोपियों पर 50-50 हजार इनाम देने का किया ऐलान

पश्चिम बंगाल में चुनावों के बाद हुई हिंसा ( Bengal Post Poll Violence) के मामले में सीबीआई (CBI) ने बीजेपी कार्यकर्ता (BJP worker’s Murder) की हत्या के मामले में फरार 7 और आरोपियों पर इनाम घोषित किया है. हर आरोपी पर 50,000 रुपए का नकद इनाम रखा गया है. सीबीआई ने कहा है कि आरोपियों की जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा. इससे पहले भी सीबीआई ने 5 आरोपियों पर भी 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. इनमें एक महिला भी शामिल थी. सीबीआई ने पुरस्कार की घोषणा मोबाइल नंबर, भूमि फोन नंबर और ईमेल आईडी के साथ की है. बता दें कि इसके पहले सीबीआई ने 9 आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये इनाम देने का ऐलान किया था. चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच कर ही है. 50 से अधिक मामले दायर किये गये हैं, लेकिन अभी भी कई मामले में आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं.

इन सातों के बारे में जानकारी देने के लिए सीबीआई की विशेष अपराध शाखा कोलकाता के मोबाइल नंबर 9433044837 और लैंडलाइन नंबर 033-23348713 पर सूचना दी जा सकती है. सीबीआई के मुताबिक अब ऐसे भगोड़े आरोपियों के खिलाफ अन्य मामलों में भी कार्रवाई शुरू की जाएगी मामले की जांच जारी है.

बंगाल चुनाव नतीजे आते ही बीजेपी कार्यकर्ता की हुई थी हत्या

2 मई 2021 को पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए थे. इसके कुछ घंटों बाद BJP कार्यकर्ता अभिजीत सरकार पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इसमें अभिजीत गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. बाद में उनकी मौत हो गई थी. अभिजीत का अंतिम संस्कार उनकी मौत के 4 महीने बाद किया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशानुसार दो बार उनका पोस्टमॉर्टम हुआ. इस मामले में सियालहाद की एक अदालत ने आरोपी अमित दास, तुंपा दास, अरूप दास, संजय बारिक और पापिया बारिक को भगोड़ा घोषित कर दिया था.

सीबीआई ने हत्या के मामले में शुरू की थी जांच

सीबीआई का कहना है कि इस मामले में हत्या और सबूत मिटाने संबंधी जैसे गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत कुल 14 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इन लोगों ने जांच में सहयोग नहीं किया और फरार हो गए. इससे पहले जिन लोगों पर इनाम घोषित किया गया था, उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. सीबीआई ने घोषणा की कि अगर वे इस बार पकड़े गए तो उन्हें इनाम दिया जाएगा. चुनाव के बाद हुई हिंसा में सीबीआई ने कई प्राथमिकी और मामले दर्ज किए हैं. हालांकि बीच में ही जांच प्रक्रिया ठप हो गई. कई मामलों में आरोपी अभी भी फरार हैं.