पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) सारदा रियल्टी इंडिया लि. (सारदा चिटफंड )और उसके प्रवर्तकों तथा निदेशकों की सात संपत्तियों की 22 फरवरी को नीलामी करेगा. कंपनी द्वारा गलत तरीके से लोगों से जुटायी गयी राशि की वसूली को लेकर यह नीलामी की जा रही है. नीलामी को लेकर आरक्षित मूल्य 59 लाख रुपये से अधिक रखा गया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि नीलामी में रखी जाने वाली संपत्तियों में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जमीन भी शामिल है. बता दें कि सारदा चिटफंड कंपनी पर करोड़ों रुपए के घोटाला का आरोप है. इस मामले में सुदीप्तो सेन सहित कई आरोपी अभी भी जेल में है, जबकि कई जमानत पर हैं.
सेबी ने सारदा रियल्टी और उसके प्रवर्तकों/निदेशकों से गलत तरीके से जुटायी गयी राशि की वसूली कार्यवाही के तहत बोलियां आमंत्रित की है. ई- नीलामी 22 फरवरी, 2022 को होगी.इन संपत्तियों के लिये आरक्षित मूल्य 59.4 लाख रुपये रखा गया है. नियामक ने संपत्ति की नीलामी में सहायता को लेकर क्विकर रियल्टी की सेवा ली है.
सारदा पर अवैध तरीके से धन उगाहने का आरोप
सेबी ने कहा कि बोलीदाताओं को अपनी बोली जमा करने से पहले नीलामी में रखी गई संपत्तियों पर कानूनी विवाद, देनदारी सहित सभी चीजों के बारे में स्वतंत्र जांच कर लेनी चाहिए. इससे पहले नियामक ने अप्रैल, 2013 में अपने आदेश के जरिये सारदा रियल्टी, उसके प्रवर्तकों और निदेशकों से सामूहिक निवेश वाली सभी योजनाओं (सीआईएस) को बंद करने और निवेशकों से ली गयी राशि तीन महीने में वापस करने को कहा था. कंपनी ने कोष जुटाने को लेकर लोगों से सीआईएस के माध्यम से निवेश अनुबंधों के जरिये राशि जुटायी थी और उसने इसके लिये सेबी से कोई मंजूरी नहीं ली थी.
सारदा चिटफंड कंपनी ने करोड़ों रुपये का लगाया था चूना
बता दें कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी सारदा ग्रुप ने 2008 में आम लोगों के ठगने के लिए कई लुभावन ऑफर दिए थे. चिटफंड कंपनी ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था. 3 फरवरी 2019 को इस सम्बन्ध में सीबीआई बंगाल के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंच गयी, ममता बनर्जी ने उनके सविंधान बचाव में धरना दिया था. इस मामले में टीएमसी नेता के संलिप्तता के आरोप लगे थे. कई टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी. विधानसभा चुनाव के दौरान भी सारदा चिटफंड घोटाला मुद्दा भी बना था.
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