सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने शनिवार को अपने तिमाही नतीजे (Q3 Results) जारी कर दिये है, बैंक के अनुसार दिसंबर 2021 में समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ (Net Profit) दोगुना हो गया है. मुनाफे में ये बढ़त डूबे हुए कर्ज की प्रोविजनिंग में आई तेज गिरावट और नेट इंट्रेस्ट इनकम में बढ़त की वजह से देखने को मिली हैं. पिछले साल के मुकाबले एनआईआई 14 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है. वहीं प्रोविजन 27 प्रतिशत तक घटे हैं. साल के दौरान बैंक की एसेट क्वालिटी बेहतर हुई और एनपीए में कमी देखने को मिली है. तिमाही के दौरान ऑटो लोन 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़े हैं वहीं पूरा रिटेल लोन पोर्टफोलियो 11 प्रतिशत बढ़ा है.
कैसे रहे तिमाही के आंकड़े
आज जारी हुए आंकड़ों के अनुसार बैंक का दिसंबर तिमाही में मुनाफा 1061 करोड़ रुपये से बढ़कर 2197 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वहीं नेट इंट्रेस्ट इनकम पिछले साल के मुकाबले 14.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 8552 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है. नेट इंट्रेस्ट इनकम बैंक के द्वारा दिये गये कर्ज पर कमाये गये ब्याज और जमा पर चुकाये गये ब्याज का अंतर होता है. ब्याज आय बढ़कर 17,963 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की तिमाही में 17,496.71 करोड़ रुपये थी. नेट इंटेस्ट मार्जिन पिछले साल के मुकाबले 36 बेस प्वाइंट की बढ़त के साथ 3.13 प्रतिशत पर आ गया. तिमाही के दौरान प्रोविजन पिछले साल के मुकाबले 27.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2507 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गये हैं. तिमाही के दौरान बैंक की अन्य आय में गिरावट देखने को मिली है. इसमें शुल्क, ट्रेडिंग प्रॉफिट और अन्य आय शामिल हैं. तिमाही के दौरान अन्य आय 13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2519 करोड़ रुपये रहे हैं.
एसेट क्वालिटी में सुधार
तिमाही के दौरान बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है. ग्रॉस एनपीए एक साल में 63,182 करोड़ रुपये से घटकर 55,997 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गये हैं. ग्रॉस एनपीए अनुपात में पिछले साल के मुकाबले 123 बेस प्वाइंट और पिछली तिमाही के मुकाबले 86 बेस प्वाइंट की कमी देखने को मिली है. वहीं नेट एनपीए तीसरी तिमाही में 2.25 प्रतिशत पर रहे हैं. एक साल पहले ये आंकड़ा 2.39 प्रतिशत और सितंबर तिमाही में 2.83 प्रतिशत पर था. तिमाही के दौरान एडवांस 4.75 प्रतिशत की बढ़त के साथ 7.32 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गये हैं. इसमें रिटेल लोन पोर्टफोलियो का हिस्सा 1.28 लाख करोड़ रुपये का था, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 11.13 प्रतिशत की बढ़त रही है. कॉर्पोरेट लोन पिछले साल के स्तरों के करीब ही रहे. वहीं होम लोन में 6.57 प्रतिशत और ऑटो लोन में 20.54 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई.
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