कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य पर नहीं पड़ा गंभीर असर, 2 प्रतिशत ही हुआ हॉस्पिटलाइजेशन

देश में कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर (Third wave) थमती नजर आ रही है. इस लहर में भी बच्चों (Childrens)  पर कोरोना संक्रमण का गंभीर असर नहीं हुआ है. तीसरी लहर में संक्रमित हुए बच्चों में से सिर्फ 2 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है. यह बच्चे भी कुछ दिनों में ही स्वस्थ होकर घर लौट गए थे.

डॉक्टरों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना की तीन लहर आ चुकी है. तीनों ही लहर में बच्चे काफी संख्या में संक्रमित हुए है, लेकिन इनमें कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं देखे गए है. जब देश ने डेल्टा वैरिएंट के कारण आई दूसरी लहर का कहर झेला था. तब भी बच्चों में हॉस्पिटालाइजेशन कम हुआ था. तीसरी लहर आने के बाद कहा जा रहा था कि बच्चों का टीककरण (Vaccination) नहीं हुआ है. ऐसे में इस बार बच्चों को खतरा हो सकता है,लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अन्य लोगों की तरह बच्चों में भी कोरोना के लक्षण काफी हल्के थे. कई में तो कोई लक्षण भी नहीं देखा गया था. इस बारे में  एम्स के पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके सिंघल ने बताया कि इस बार भी संक्रमण के बाद बच्चों की स्थिति सामान्य ही रही. उनको गंभीर बीमारी नहीं हुई. कोरोना की तीन लहर देखने के बाद अब यह आंकलन किया जा सकता है कि बच्चों को इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं होता है.

अब कम आ रहे हैं संक्रमण के मामले

दिल्ली के कलावती सरन बाल अस्पताल के डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में कुछ संक्रमित बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे. यह सभी चार से पांच दिन में रिकवर हो गए थे. इन बच्चों में भी अधिकतर ऐसे थे जिनको पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है. डॉ. के मुताबिक, अब संक्रमित बच्चे अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से एडमिशन काफी कम हो गए हैं. जो बच्चे ओपीडी में पॉजिटिव मिले थे. उनमें से करीब दो प्रतिशत को ही हॉस्पिटलाइजेश की जरूरत पड़ी थी.

बच्चों में दिखे अलग-अलग लक्षण

कौशांबी के यशोदा अस्पताल के बाल रोग विभाग के डॉक्टर सुधीर गहलोत ने बताया कि इस बार अलग -अलग आयु वर्ग के बच्चों में संक्रमण के लक्षण अलग थे. दो साल से कम उम्र के बच्चों  बुखार और खांसी, जुकाम की शिकायत थी. दो से 10 साल की उम्र के बच्चों में पेट दर्द के लक्षण थे. जबकि 10 से 16 साल के बच्चों में तेज बुखार, बदन दर्द और सिरदर्द की समस्या देखी गई थी. अस्पताल जो बच्चे संक्रमित पाए गए थे. उनमें से केवल दो से तीन प्रतिशत को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी. इस बार भी बच्चों को कोरोना से खतरा नहीं हुआ है.

15 से 18 साल तक के बच्चों का चल रहा है टीकाकरण

देश में 15 से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण चल रहा है. अब तक 66 फीसदी से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक महीने में 4.67 करोड़ बच्चे वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं.