रेत पर रार, भाजपा अजजा मोर्चा जिला महामंत्री विजय बहादुर जगत ने जताया विरोध

कोरबा/ पाली, 04 फरवरी (वेदांत समाचार)। जिले में विभिन्न वैध और सरकारीर गैर सरकारी निर्माण कार्यों को करने वालों को रेत की किल्लत से जुड़ा मसला दूर नहीं हो पा रहा है। वही ऊपर से सरकार द्वारा इस ओर एक तरफा कड़ाई करने की करवाई से वैध निर्माण करने वाले लोगों में की परेशानियां बढ़ गई है। खनिज रेत के उत्खनन, भण्डारण और परिवहन को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। सरकार और प्रशासन के इस एकतरफ़ा कार्यवाही का जिस पर भाजपा अजजा मोर्चा जिला महामंत्री विजय बहादुर जगत जी ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि शासन अपनी कमजोरी छुपाने के लिए यह कार्रवाई कर रहा है ।सरकार और प्रशासन पहले रेत खदानों अथवा अन्य संबंधित सभी नियम और कानून को व्यवस्थित करें ,खनिज रॉयल्टी निर्धारित करें और खदानों को खोलें। इसके बाद यदि कोई अवैध भंडारण, परिवहन और उत्खनन करता है तो प्रशासनिक कार्यवाही जायज और न्यायोचित होगा। शासकीय और निजी कार्यों के लिए हर किसी को रा -मटेरियल ईंट, गिट्टी, रेत आदि अन्य की आवश्यकता होती है । रेत रायल्टी पहले भी दे रहे थे और अभी देने के लिए तैयार हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण रेत की उपलब्धता से जुड़ी बाधा है।


जगत जी का कहना है शासकीय और निजी कार्यों के लिए समय पर रेत नहीं मिल रही है। ऐसे में सभी लोगो के कामकाज में विलंब हो रहा है। अगर रेत नहीं मिलती है तो कामकाज को बंद करने की नौबत आ सकती है। सरकार और प्रशासन को पहले रॉयल्टी या खनिज कर का निर्धारण करना चाहिए तथा रेत खदान को आरम्भ करना चाहिए ।य़ह सरकार और प्रशासन की अपनी कमजोरियों को छुपाने का प्रयास है। सरकार को आम जनता के हितों और विकास कार्यों से कोई मतलब नहीं है। केवल मुनाफाखोरी और जेब भरने का काम का काम हो रह है। सरकार की कार्यवाही से विकास कार्य ठप हो गए हैं, वही सैकड़ों ट्रैक्टर मालिक-चालक, दैनिक वेतन भोगी, श्रमिक,मजदूर परिवहन कर्ता, और निर्माण से जुड़े सभी बेरोजगार हो गए हैं।लॉकडाउन के समय से मध्यम वर्गीय एवं गरीब तबके के लोग काफी परेशान हुए उनकी अभी स्थिति सुधरी भी नहीं है कि शासन द्वारा रेत पाबंदी पर मिस्त्री मजदूर को भी काम के लिए काफी परेशानी हो रही है और वह अपने आप को बेरोजगार महसूस कर बाहर दूसरे राज्य पलायन के लिए सोचने को मजबूर हो रहे हैं।


यदि इस समस्या का उचित समाधान नहीं किया गया तो भाजपा-भाजयुमो सड़क पर उतर कर जनहित में क्रमबद्ध आंदोलन छेड़ेगी ।जिसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन की होगी।