सेमीकंडक्टर और सेंसर बनाने वाली भारतीय कंपनियों की वित्तीय मदद करेगी सरकार

सेमीकंडक्टर (Semiconductor) और सेंसर के क्षेत्र में व्यावसायीकरण (Commercialization) के चरण में नई टेक्नोलॉजी वाली भारतीय कंपनियों के पास अब व्यावसायीकरण के लिए लोन, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता (Financial Assistance) प्राप्त करने का शानदार अवसर है. देश की जरूरत और फोकस इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र पर ध्यान देने को लेकर सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, डिस्प्ले फैब्रिकेशन, इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, चिप्स ऑन सिस्टम (एसओएससी) आदि के लिए डिजाइनिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमीकंडक्टर और सेंसर डोमेन में व्यावसायीकरण चरण में स्वदेशी टेक्नोलॉजी वाली भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.

सेमीकंडक्टर (Semiconductor) और सेंसर के क्षेत्र में व्यावसायीकरण (Commercialization) के चरण में नई टेक्नोलॉजी वाली भारतीय कंपनियों के पास अब व्यावसायीकरण के लिए लोन, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता (Financial Assistance) प्राप्त करने का शानदार अवसर है. देश की जरूरत और फोकस इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र पर ध्यान देने को लेकर सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, डिस्प्ले फैब्रिकेशन, इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, चिप्स ऑन सिस्टम (एसओएससी) आदि के लिए डिजाइनिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमीकंडक्टर और सेंसर डोमेन में व्यावसायीकरण चरण में स्वदेशी टेक्नोलॉजी वाली भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्पना का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है. सरकार ने चिपसेट सहित प्रमुख कंपोनेंट के विकास के लिए कई पहलें शुरू की हैं और उद्योग के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया है.

सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग के लिए होती है टिकाऊ निवेश की जरूरत

सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के आधार हैं जो उद्योग 4.0 के तहत डिजिटल बदलाव के अगले चरण का संचालन कर रहे हैं. सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग बहुत जटिल और टेक्नोलॉजी-प्रभावी क्षेत्र हैं, जिनमें भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, लंबी उत्पादन पूर्व तथा फायदा प्राप्त करने की अवधि और प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव शामिल हैं. इनके लिए अहम और टिकाऊ निवेश की आवश्यकता होती है. इस आमंत्रण से पूंजी-सहायता और तकनीकी सहयोग की सुविधा के जरिए सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा.

सेमीकंडक्टर और सेंसर इकोसिस्टम को मिलेगा प्रोत्साहन

टीडीबी के सचिव, आईपी एंड टीएएफएस राजेश कुमार पाठक ने कहा,”टीडीबी ने टेक्नोलॉजी कंपनियों के विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस आमंत्रण से सेमीकंडक्टर और सेंसर इकोसिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन मिलेगा, जोकि आत्मनिर्भर भारत की पहल के लिए आवश्यक होगा.’’ वित्त पोषण के विस्तृत दिशा-निर्देशों और प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आवेदक टीडीबी की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं. प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 26 मार्च, 2022 है.