चीन की क्रूरता दुनियाभर में मशहूर है और अब एक बार फिर इससे जुड़ा मामला सामने आया है. आपने बीते दिनों, मीराम तारौन (Miram Taron) के बारे में सुना होगा, वही 17 साल का लड़का जिसे अरुणाचल प्रदेश से किडनैप (Arunachal Pradesh Kidnapping) किया गया था. ये किडनैपिंग गुंडे मवालियों ने नहीं बल्कि चीन के सैनिकों ने की थी. भारतीय सेना की तमाम कोशिशों के बाद आखिरकार मीराम अपने परिवार के पास लौट आए हैं. लेकिन उनके पिता ने दावा किया है कि उनके बेटे को चीनी सेना ने बिजली के झटके दिए थे और उसके साथ खूब मारपीट की गई. मीराम को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया था.
जिला उपायुक्त शाश्वत सौरभ ने बताया कि भारतीय सेना ने सोमवार शाम को अपर सियांग जिले में तूतिंग में एक कार्यक्रम में मीराम तारौन को उसके माता-पिता से मिलाया. घर वापसी पर स्थानीय प्रशासन और पंचायत नेताओं ने उसका जोरदार स्वागत किया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के समीप लुंगता जोर इलाके से 18 जनवरी को कथित तौर पर चीनी सेना ने मीराम (17) का उस समय अपहरण कर लिया था, जब वह अपने दोस्त जॉनी यायिंग के साथ शिकार पर गए थे. यायिंग किसी तरह घटनास्थल से भाग निकला और उसने प्राधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
बीते महीने भारतीय सेना को सौंपा
चीनी सेना ने अन्जॉ जिले के किबितू में वाचा-दमाई केंद्र में 27 जनवरी को मीराम को भारतीय सेना को सौंपा, जहां वह आइसोलेशन में रहे. मीराम के पिता ओपांग तारौन ने कहा कि इस पूरी घटना ने उनके बेटे को डरा दिया है और वह मानसिक रूप से परेशान है. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी यानी पीएलए के कब्जे (Miram Taroun Kidnaping) में एक सप्ताह से अधिक समय तक रहने के दौरान उसे बांधा गया और उसकी आंखों पर भी पट्टियां बांधी गई.
बेटे को पीठ पर मारा गया
ओपांग तारौन ने कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा, ‘वह अब भी सकते में है. उसे पीठ पर मारा गया और शुरुआत में बिजली के हल्के झटके दिए गए. ज्यादातर समय उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई और उसके हाथ बांधकर रखे गए. वे उसे तभी खोलते थे जब उसे भोजन करना होता था या शौच के लिए जाना होता था लेकिन उन्होंने उसे पर्याप्त भोजन दिया.’ अरुणाचल पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तापिर गाओ ने 19 जनवरी ट्वीटर पर किशोर के अपहरण की सूचना साझा की थी.
गर्मजोशी से स्वागत हुआ
उन्होंने अब कहा, ‘जिडो के गांववासियों, अधिकारियों और पंचायत नेताओं ने मीराम का गर्मजोशी से स्वागत किया.’ गौरतलब है कि सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था और एक हफ्ते बाद उन्हें छोड़ा था. चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश की 1,080 किलोमीटर की सीमा लगती है.
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