कोरबा/ करतला, 1 फरवरी (वेदांत समाचार)। महिला बाल विकास विभाग बरपाली के अंतर्गत आने वाले सभी सेक्टरों के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं पर उनके सेक्टर सुपरवाइजरों द्वारा एचडीएफसी बैंक में नया खाता खोलने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। उक्त बैंक में खाता नहीं खोलने पर उनका मानदेय रोकने की बात कही जा रही है। सुपरवाइजरों द्वारा इसी खाते में मानदेय आने की बात कही जा रही है जबकि सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का पहले से स्टेट बैंक या अन्य बैंकों में खाता खुला हुआ है और अभी तक उनका मानदेय उनके पुराने खाते में आता रहा है। किंतु अब सेक्टर सुपरवाइजरों द्वारा एचडीएफसी बैंक में फिर से नया खाता खोलने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। खाता नहीं खोलने की स्थिति में उनका मानदेय रोकने की धमकी दी जा रही है।
बरपाली सेक्टर के सुपरवाइजर श्रीमती नीमा महंत एवं कनकी सेक्टर के सुपरवाइजर श्रीमती शैलेन्द्री साहू से दूरभाष पर इस बारे में जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि हमें अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का एचडीएफसी बैंक में नया खाता खुलवाना है। इसके लिए उनके पास आदेश होने की बात कही गयी। जबकि उनसे आदेश की कॉपी मांगी गई तब उन्होंने अधिकारियों से बात करने की बात कही। इस बाबत जब बरपाली के परियोजना अधिकारी श्रीमती अंजलि कौशिक से संपर्क किया गया तब उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है। हमारे द्वारा खाता खोलने हेतु उन पर कोई भी दबाव नहीं बनाया जा रहा है किंतु इसके बावजूद भी सुपरवाइजरों द्वारा लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को फोन कर खाता खुलवाने की बात कही जा रही है। इन सबसे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं एचडीएफसी बैंक से इनका कमीशनखोरी का कोई खेल तो नहीं। आखिर क्यों सिर्फ एचडीएफसी बैंक में ही इनके द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को खाता हेतु दबाव बनाया जा रहा है। जिस तरीके से इन सुपरवाइजरों द्वारा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं पर खाता खुलवाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ होने का अंदेशा है।
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